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विद्युतीकरण का काम पूरा न होने से अंधेरे में आधा गांव

गांवों को विकसित कर वहां के लोगों को शहरी सुविधा दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए लाखों रुपये की धनराशि भेजी गई है। बावजूद भी गांव का विकास कार्य आधा-अधूरा ही है। गांव का विद्युतीकरण न होने से आधी आबादी को चिराग की रोशनी में रात गुजारनी पड़ रही है। यही नहीं कच्चे रास्ता होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 10:51 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:06 AM (IST)
विद्युतीकरण का काम पूरा न होने से अंधेरे में आधा गांव
विद्युतीकरण का काम पूरा न होने से अंधेरे में आधा गांव

संसू उदिहीन : गांवों को विकसित कर वहां के लोगों को शहरी सुविधा दिलाने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए लाखों रुपये की धनराशि भेजी गई है। बावजूद भी गांव का विकास कार्य आधा-अधूरा ही है। गांव का विद्युतीकरण न होने से आधी आबादी को चिराग की रोशनी में रात गुजारनी पड़ रही है। यही नहीं कच्चे रास्ता होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है।

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दैनिक जागरण टीम अपने साप्ताहिक कार्यक्रम के तहत रविवार को सिराथू विकास खंड क्षेत्र के गंभीरा पूरब गांव की पड़ताल की तो तमाम तरह की खामियां मिलीं। गांव की आधी आबादी का विद्युतीकरण दशक पूर्व करा दिया था। शेष आबादी का विद्युतीकरण करने के लिए दो वर्ष पूर्व टेंडर हुआ। ठेकेदार ने कार्य भी शुरू किया। अब तक विद्युतीकरण का काम अब तक पूरा नहीं हो सका और गांव की आधी आबादी को चिराग की रोशनी में रात गुजारनी पड़ रही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में शौचालय तो बनाए गए है, लेकिन जागरूकता के अभाव में लोग उसका उपयोग नहीं करते हैं। इससे स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहा है। गांव के कई रास्ते अब तक कच्चे हैं। उनमें खड़ंजा नहीं लगाया गया है। सफाई कर्मी के न आने की वजह से नालियां चोक हो गई है और लोगों के घरों का दूषित पानी रास्ते में फैला हुआ है। इससे ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया। - पात्र होने के बावजूद भी अब तक पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में प्रधान व खंड विकास अधिकारी से शिकायत की थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया।

राजकली देवी - आधे गांव में बिजली नहीं है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। विद्युतीकरण के कार्य को पूरा कराने के लिए शिकायत की गई थी, लेकिन निराकरण नहीं हुआ।

अशोक कुमार गांव के कुछ रास्ते अभी कच्चे हैं। वहां पर खड़ंजा व नाली का निर्माण नहीं कराया गया है। इससे बारिश व लोगों के घरों का पानी पानी रास्ते में भरा रहता है।

गोवर्धन मंझनपुर से उदिहीन को जोड़ने वाली सड़क गांव से होकर निकली है। जिस पर पीडब्ल्यूडी की ओर से मरम्मत का काम कराया जा रहा है। इसमें ठेकेदार मानक की अनदेखी कर रहा है।

मनीराम -

गांव का इतिहास

वर्ष 1979 में विकास खंड सिराथू क्षेत्र के गंभीरा गांव को ग्रामपंचायत का दर्जा मिला था। तभी से ग्रामपंचायत का चुनाव हुआ। तब से कई पंचवर्षीय चुनाव हुए जिसमें कई ग्राम प्रधान चुने गए। गंभीरा की विशेषता

पूर्व दिशा में शिव का पुराना मंदिर है। मंदिर से क्षेत्र के लोगों की आस्था जुड़ी है। सुबह-शाम आरती के लिए दर्जनों भक्त यहां एकत्रित होते है। सोमवार व त्रयोदशी को महिलाओं की भीड़ अधिक होती है। गांव की टॉपटेन समस्याएं

- गांव में छह माह से नहीं आया सफाईकर्मी, बिजली के पोल में स्ट्रीट लाइट न होने से परेशानी, शौचालय न बनने से खुले में शौच कर रहे सैकड़ों ग्रामीण, कई हैंडपंप खराब, पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण, आवासीय सुविधा न मिलने से झोपड़ी में काट रहे रात, नालियां चोक होने से रास्ते में दूषित पानी का भराव, आधे-अधूरे गांव का विद्युतीकरण से हो रही परेशानी, कई किसानों को नहीं मिला पीएम सम्मान निधि योजना का लाभ, वृद्धा पेंशन न मिलने से लोगों को परेशानी। गांव में विकास कराए जाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई। उसी के मुताबिक कार्य कराया जा रहा है। बारिश में जिन व्यक्तियों का कच्चा मकान गिर गया है। उनकी सूची बनाकर तहसील प्रशासन को भेजी गई है। जल्द ही मुआवजा मिलेगा।

राजरानी, ग्राम प्रधान गंभीरा पूरब


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