माफिया के कब्जे में मुक्त हों तालाब तो सुधरेगा भूजल स्तर
जासं कौशांबी सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ तालाबों जलाशयों के संरक्षण करने का निर्देश दिया है जिसके आधार पर तालाबों को खाली कराने के लिए पिछले वर्ष राजस्व विभाग की ओर से अभियान चलाया गया था। इसके बाद भी जिले के कई तालाबों में भूमाफिया का कब्जा है।
जासं, कौशांबी : सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ तालाबों जलाशयों के संरक्षण करने का निर्देश दिया है, जिसके आधार पर तालाबों को खाली कराने के लिए पिछले वर्ष राजस्व विभाग की ओर से अभियान चलाया गया था। इसके बाद भी जिले के कई तालाबों में भूमाफिया का कब्जा है।
राजस्व अभिलेखों के मुताबिक चायल तहसील में 1742 तालाब है। इन तालाबों को कब्जे से मुक्त कराने के लिए पिछले वर्ष जिलाधिकारी के निर्देश पर विशेष अभियान चलाया था। अभियान तो तीन महीना चला, लेकिन इसका कुछ खास असर नहीं दिखा चायल के जीवनगंज में स्थित दो बीघे के तालाब को माफिया ने पूरी तरह से पाट दिया है। इन दिनों उक्त तालाब में खेती हो रही है। शिकायत के बाद भी तालाब को खाली नहीं कराया गया है।
तालाब को खाली कराकर खुदाई शुरू
विकास खंड कौशांबी क्षेत्र की ग्राम पंचायत कायमपुर में स्थित तालाब में कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था। उस तालाब को खाली कराकर खुदाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस तालाब की खुदाई मनरेगा से कराई जा रही है। मजदूरों के अलावा कुछ लोग श्रमदान भी कर रहे हैं। जल संरक्षण के लिए तालाबों को गहरा करना होगा। तभी आने वाला कल बेहतर होगा। पानी का पानी व्यर्थ में न बहे। इसके लिए सब को पहल करनी होगी। नगर पंचायत अझुवा के कई तालाबों में अवैध कब्जा हो गया है। दो मंजिला मकान बनने की वजह से तालाब का क्षेत्रफल काफी कम हो गया है। इन तालाबों को खानी कराने के लिए दो वर्ष पूर्व नगर पंचायत की ओर से अवैध कब्जा करने वालों को नोटिस दी गई थी। इसके बाद भी तालाब को खाली नहीं कराया गया है। जनहित के तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाना आवश्यक है। तभी तालाबों को वजूद वापस आएगा।