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किसानों की आपदा को पूंजीपतियों का अवसर बना रही सरकार

केंद्र व प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए शनिवार को कांग्रेसियों ने डायट मैदान परिसर में धरना प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को देकर किसानों से जुड़ी दस सूत्रीय समस्याओं के निदान किए जाने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 09:51 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 09:51 PM (IST)
किसानों की आपदा को पूंजीपतियों का अवसर बना रही सरकार
किसानों की आपदा को पूंजीपतियों का अवसर बना रही सरकार

कौशांबी : केंद्र व प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए शनिवार को कांग्रेसियों ने डायट मैदान परिसर में धरना प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को देकर किसानों से जुड़ी दस सूत्रीय समस्याओं के निदान किए जाने की मांग की है।

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जिलाध्यक्ष अरुण विद्यार्थी ने कहा कि सरकार महामारी के रूप में किसानों पर आई आपदा को पूंजीपतियों के लिए एक अवसर के रूप में बदलने का काम कर रही है। यही कारण है कि सरकार लगातार किसानों के हित से जुड़ी योजनाओं में परिवर्तन कर उनके लाभ के अवसर कम करती जा रही है। सरकार ने पूर्व में कृषि उपज खरीद व्यवस्था पूरी तरह नष्ट कर दी है। इससे पूरे देश का किसान परेशान है। बिहार के हाल सब से खराब है। किसानों की फसल कारोबारी मनमाने दर में खरीदकर देश के दूसरे हिस्से में ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं। किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष रजनीश पांडेय ने कहा कि कौशांबी का किसान भी सरकार की गलत नीतियों से परेशान हैं। आज उसके धान को व्यापारी नौ सौ से लेकर एक हजार के दर में खरीदने का प्रयास कर रहे हैं। सरकारी धान खरीद केंद्र भी इनके लिए लाभकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होने बाद भी लाभ नहीं हो रहा है। इसका कारण है कि यहां किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नहीं है। जब तक कारोबारियों में प्रतिस्पर्धा नहीं होगी। किसानों की फसलों का उचित दाम नहीं मिलता है। सरकार ने इसको लेकर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया। जिससे पूरे देश के किसान परेशान हैं। जिला उपाध्यक्ष आशीष मिश्रा पप्पू ने कहा कि सरकार खेत मजदूरों के अधिकारियों के संरक्षण को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। इससे समस्या और गंभीर हो रही है। इस मौके पर शमीम आलम, वेद पांडेय, खालिद, जितेंद्र शर्मा, अमित द्विवेदी, आजाद, देवेश श्रीवास्तव, मिसबाउल एन, मोहम्मद गुलाम, अली अहमद, मथुरा दुबे, भारत गौतम, कमलाकांत शुक्ला, लव मौर्या आदि मौजूद रहे। सभी ने सरकार विरोधी नारो लगाते हुए दस सूत्रीय मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंपा। उधर, सामाजिक कार्यकर्ता व किसान अमित सिंह पटेल की अध्यक्षता में तिरहतार क्षेत्र के किसानों ने एक बैठक कर सरकार की नीतियों का विरोध किया है। तीसरे दिन भी जारी रहा भाकिमसंयू कार्यकर्ताओं का धरना

चायल : भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन (भाकिमसंयू)के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को तहसील प्रांगण में किसानों और मजदूरों की समस्याओं को लेकर तीसरे दिन भी धरना जारी रखा। धरने में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। समस्याओं का समाधान न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार किसान विरोधी अध्यादेश पारित किया है। इसका विरोध हो रहा है। वह कार्यकर्ताओं के साथ पिछले तीन दिनों से धरना कर रहें है, उनकी मांग है कि पारित बिल किसान विरोधी हैं। इसे रद्द किया जाना चाहिए। कोरोना महामारी ने किसानों की पहले ही कमर तोड़ दी है, किसान बैंक के कर्जो के बोझ से दबा चला जा रहा है। ऊपर से सरकार ने बिजली के दरों में बढ़ोतरी कर दी है। उनकी मांग है कि सरकार पारित बिल को वापस लें। बैंकों के कर्ज और बिजली की बढ़ी कीमतों को वापस लेने की मांग कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर प्रिया त्रिपाठी, गुलाब देवी, विद्या देवी, श्यामबाबू, विनय शंकर, यशवंत सिंह, सुनीता देवी, राजरानी, मिथुन कुमार, भारतलाल, तेजबहादुर और रमेश कुमार आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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