अव्यवस्था का दंश झेल रहा अग्निशमन विभाग
कौशांबी गर्मी के मौसम में बढ़ती आग की घटनाएं अग्निशमन विभाग के लिए चुनौती भरा होता है।
कौशांबी : गर्मी के मौसम में बढ़ती आग की घटनाएं अग्निशमन विभाग के लिए चुनौती भरा होता है। कहने के लिए तो फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां हैं, लेकिन तीन वाहन पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं, जिन पर घटना के वक्त ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता। कई बार पत्र व्यवहार के बावजूद शासन की ओर से इसे अनदेखा किया जा रहा है, जिसके चलते लोगों की गाढ़ी कमाई राख में मिल जा रही है।
जनपद में चायल, मंझनपुर व सिराथू तीन तहसील हैं। लगभग 19 लाख की जनसंख्या में आगजनी की घटनाओं पर काबू करने के लिए फायर ब्रिगेड के पास महज चार गाड़ियां हैं। इनमें दो सिराथू के सैनी फायर स्टेशन, एक मंझनपुर व एक पश्चिम शरीरा फायर स्टेशन में हैं। हालांकि, हाईप्रेशर की छोटी गाड़ियां हैं, लेकिन बड़ी घटनाओं में हाईप्रेशर वाहनों से आग बुझाना मुश्किल है। बहरहाल इन चारों गाड़ियों में तीन गाड़ियां पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। किस घटना के समय कब धोखा दे जाएं, कोई भरोसा नहीं। विभागीय अफसरों के अनुसार सैनी फायर स्टेशन में मौजूद दो गाड़ियां 25 से 30 साल पुरानी हैं। यही हाल पश्चिम शरीरा फायर स्टेशन में मौजूद गाड़ियों का है। मंझनपुर में फायरब्रिगेड गाड़ी वर्ष 2013 में मिली है। गर्मी के मौसम में गेहूं की फसल पूरी तरह से पक चुकी है। तमाम लोगों ने कटाई भी करके खलिहान में सुरक्षित रख लिया है। जिले में बिजली के तार भी काफी जर्जर है। ऐसे में हर दिन आगजनी की घटनाएं हो रही हैं और किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलकर राख हो जा रही है। अक्सर ऐसा भी होता है, जब कई जगह एक ही समय में घटनाएं होती हैं और फायर ब्रिगेड कर्मी सभी जगह नहीं पहुंच पाते। नतीजतन किसानों का बड़ा नुकसान हो जाता है। उदाहरण के तौर पर 30 मार्च को चरवा थाना में सैकड़ों बीघा फसल आग की लपटों में घिर गई। मंझनपुर फायर स्टेशन से गाड़ी लेकर कर्मी पहुंचे। आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया गया। इस बीच पता चला कि करारी के रक्सवारा व पिडरा गांव में भी आगजनी की घटनाएं हुईं। वहां फायर ब्रिगेड कर्मी फिर से भागे, लेकिन तब तक कई बीघा फसल जल चुकी थी।
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चायल सर्किल में नहीं है फायर स्टेशन
प्रयागराज जनपद के सरहद में बसे चायल सर्किल में भी सैकड़ों गांव है। प्रयागराज क्षेत्र से जुड़े गांव में आगजनी की घटनाओं के लिए तो वहां से गाड़ियां आ जाती हैं, लेकिन सरहद से हटकर बसे गांवों में आगजनी को रोकने के लिए पश्चिम शरीरा व मंझनपुर फायर स्टेशन का सहारा लेना पड़ता है। कई किमी का सफर तय कर पहुंचे फायर ब्रिगेड कर्मियों के बावजूद काफी समय बीत चुका होता है। कई बार चायल सर्किल में भी लोगों ने फायर स्टेशन बनाए जाने की मांग की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में चायल क्षेत्र के किसान भगवान भरोसे ही खेती करते हैं।
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जिले में फायर ब्रिगेड की चार बड़ी गाड़ियां हैं। जबकि जनसंख्या के लिहाज से यह वाहन काफी कम संख्या में हैं। तीन वाहन जर्जर भी हो चुके हैं। कई बार इनकी मरम्मत कराई जा चुकी है, लेकिन पुराने होने के कारण दिक्कत आ रही है। इसके लिए पुलिस अधीक्षक के माध्यम से शासन को पत्र भेजकर दो बड़ी गाड़ियों के अलावा दो हाईप्रेशर वाहनों की मांग की गई है। पंचायत चुनाव के बाद चायल क्षेत्र में भी फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी सुरक्षित कराई जाएगी।
- राजनारायण साहू, जिला अग्निशमन अधिकारी।