पराली जलाने वाले चार किसानों पर जुर्माना
धान की फसल का अवशेष जलाने से वातावरण में जहरीली गैस फैल रही है। इसको लेकर शासन व प्रशासन गंभीर है। खेतों पराली जलाने से मृदा का तापमान बढ़ जाता है और मिटटी की उर्वराशक्ति कम हो रही है। इसे रोकने के लिए जिलाधिकारी ने अफसरों को आवश्यक निर्देश दिया है। डीएम के निर्देश पर गुरुवार को कृषि डीडी ने कई गांवों का भ्रमण किया। जांच के दौरान किसान पराली जलाते पकड़े जाने पर जुर्माना लगाया गया।
जासं, कौशांबी : धान की फसल का अवशेष जलाने से वातावरण में जहरीली गैस फैल रही है। इसको लेकर शासन व प्रशासन गंभीर है। खेतों पराली जलाने से मृदा का तापमान बढ़ जाता है और मिटटी की उर्वराशक्ति कम हो रही है। इसे रोकने के लिए जिलाधिकारी ने अफसरों को आवश्यक निर्देश दिया है। डीएम के निर्देश पर गुरुवार को कृषि डीडी ने कई गांवों का भ्रमण किया। जांच के दौरान किसान पराली जलाते पकड़े जाने पर जुर्माना लगाया गया।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर कृषि उप निदेशक डॉ. उदयभान गौतम ने अपनी टीम के साथ विकास खंड सरसवां क्षेत्र के कई गांवों का भ्रमण किया। इसमें मंझनपुर तहसील क्षेत्र के शिवरा गांव सूरजभान पर 2500 रुपये, रक्शौली के रामबली पर 2500 रुपये, सुरेश कुमार पर 5000 रुपये, वेद प्रकाश पर 2500 रुपये व बुद्ध प्रकाश पर 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कृषि उप निदेशक ने बताया कि फसल अवशेष जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसके बावजूद किसान खेतों में फसल अवशेष जला रहे हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम हर दिन भ्रमण कर रही है। पराली जलाते हुए पकड़े जाने वाले किसानों पर जुर्माना लगाया जाएगा। किसानों के लिए बेहतर होगा कि किसान खेतों में सिचांई कर 25 किलो यूरिया प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाल दें। जिससे अपशिष्ट जल्दी सड़ जाता है और मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ बढ़ेगा।