ससुर खदेरी नदी आया उफान, जलमग्न हुई सैकड़ों बीघे फसल
चार दिनों से हो रही लगातार बारिश से यमुना और गंगा नदी तो स्थित है लेकिन छोटी नदियों में आया उफान ने किसानों समेत लोगों की मुसीबतों को बढ़ा दिया है। किसानों की फसलें जहां जलमग्न होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं कसेंदा बलहेपुर सीमा पर बना नदी का पुल डूबने से आवागमन ठप हो गया है। जिससे लोगों को सफर करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
संसू, कसेंदा : चार दिनों से हो रही लगातार बारिश से यमुना और गंगा नदी तो स्थित है लेकिन छोटी नदियों में आया उफान ने किसानों समेत लोगों की मुसीबतों को बढ़ा दिया है। किसानों की फसलें जहां जलमग्न होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं कसेंदा बलहेपुर सीमा पर बना नदी का पुल डूबने से आवागमन ठप हो गया है। जिससे लोगों को सफर करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
कुछ दिन पहले गंगा और यमुना में आए बाढ़ की तबाही से इलाके में बसे किसानों की सैकड़ों एकड़ फसलें नष्ट हो गई थी। मंगलवार की सुबह से शुरू हुई बारिश से ससुर खदेरी नदी में बाढ़ आ गई है। जिससे इलाके के कसेंदा, बिलासपुर, काठगांव, नूरपुर हाजीपुर, बूंदा, मखउपुर, घूरी, बरोलहां, बरियावां, आदि गांवों के किसानों की नदी के किनारे रही ज्वार बाजरा उरद, तिल आदि की सैकड़ों बीघा फसलें पानी में डूब गई है। इतना ही नहीं कसेंदा और बलहेपुर के मध्य स्थित ससुर खदेरी नदी में पंचायती राज्य द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बनाया गया लोखों रुपये का पुल नदी में समा गया है। जिससे पुल पर लोगों का आवागमन ठप हो गया है। बल्हेपुर के अशोक कुमार यादव, जुलावर, अजय, मंजीत कसेंदा के रामलाल पाल, रामदास, युवराज सिंह आदि ने बताया कि इस मार्ग से रेही नूरपुर हाजीपुर, चंद्रशेन, मकदूमपुर, दूलापुर, सेंवढ़ा, नसीरपुर, शेरगढ़ समेत दो दर्जन से अधिक गांवों के सैकड़ों लोगों का आवागमन हर दिन रहता है। ब्लाक की भूमि से तहसीलदार ने हटवाया अतिक्रमण
संसू, सिराथू: इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर तहसील प्रशासन ने विकास खंड कार्यालय की भूमि पर किए गए अवैध निर्माण को बुलडोजर लगाकर गिरा दिया। तहसीलदार संतोष कुमार व पुलिस फोर्स के मौजूदगी में शुक्रवार को कार्रवाई की गई।
नगर पंचायत सिराथू के वार्ड नंबर चार में निर्मित विकास कार्यालय की भूमि पर काफी दिनों से राजेंद्र पांडेय, कपूरचंद पांडेय व धर्म चंद पांडेय ने अवैध रूप से निर्माण करा लिया था। मामले की शिकायत कस्बे के रहने वाले मोतीलाल ने कई बार जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी से की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। तब उसने मामले को उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दाखिल किया। जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करने के बाद तहसील प्रशासन को अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया। इसके बाद तहसील प्रशासन द्वारा कब्जेदारों को अवैध निर्माण हटाने के लिए नोटिस भेजी गई थी, लेकिन उन्होंने विकास खंड कार्यालय की भूमि से कब्जा नहीं हटाया। शुक्रवार को पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे तहसीलदार ने बुलडोजर लगाकर बने मकान को गिरवा दिया। इस कार्रवाई से कस्बे के अतिक्रमणकारियों में अफरातफरी मची रही।