औषधीय खेती के लिए किसानों को मिलेगा अनुदान
कृषि क्षेत्र में बदलाव कर किसानों की आर्थिक स्थित सुधारने के लिए सरकार प्रयासरत है। उद्यान विभाग की ओर से जनपद की 55 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय खेती कराई जाएगी। किसानों के चयन की प्रक्रिया उद्यान विभाग ने शुरू कर दी है। चयनित किसानों को अनुदान के रूप में 11 लाख रुपये दिए जाएंगे।
जासं, कौशांबी : कृषि क्षेत्र में बदलाव कर किसानों की आर्थिक स्थित सुधारने के लिए सरकार प्रयासरत है। उद्यान विभाग की ओर से जनपद की 55 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय खेती कराई जाएगी। किसानों के चयन की प्रक्रिया उद्यान विभाग ने शुरू कर दी है। चयनित किसानों को अनुदान के रूप में 11 लाख रुपये दिए जाएंगे।
किसानों की आय दोगुना करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार कृषि व पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। औषधीय पौधा मिशन के तहत 55 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें 25 हेक्टेयर में तुलसी, 10 हेक्टेयर में सतावर व 20 हेक्टेयर में एलोवेरा की खेती शामिल है। जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र राम भाष्कर ने बताया कि औषधीय खेती किसानों के लिए काफी बेहतर है। परंपरा खेती से किसानों को दूर करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। बागवानी, फूलों व औषधीय खेती के लिए किसानों को विभाग अनुदान देता है। कई किसान बागवानी, फूलों व औषधीय खेती कर खुद को मजबूत कर रहे हैं। 100 से अधिक किसान कर रहे औषधीय खेती
जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र राम भाष्कर ने बताया कि औषधीय मिशन जनपद में वर्ष 2017 में लागू किया गया था। अब तक इस योजना के तहत 100 से अधिक किसान तुलसी, सतावर व एलोवेरा की खेती कर रहे है। जिले के जो किसान औषधीय खेती कर रहे हैं। उसमें विकास खंड सिराथू क्षेत्र के सिघिया गांव निवासी रामबहादुर, कूलेश, विकास खंड मंझनपुर क्षेत्र के टेंवा गांव निवासी रवींद्र प्रकाश सिंह, काकराबाद के नोखेलाल, आशीष मौर्य, जुगराजपुर के रामनारायण सिंह, मंगला प्रसाद आदि किसान शामिल हैं। किसानों की माने तो एक हेक्टेयर औषधीय खेती में डेढ़ लाख रुपये की आय होती है।