फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को भरना होगा जुर्माना, जांच कर कार्रवाई के लिए डीएम ने गठित की टीम
पर्यावरण संरक्षण को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर हो गया है। धान की कटाई के बाद कुछ खेतों में किसान पराली जला देते हैं। ऐसे किसानों की सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है। साथ ही जांच कर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी ने टीम भी गठित कर दिया है। कमेटी के सदस्य किसानों पर निगाह बनाए हुए हैं। यदि किसी किसान ने फसल के अवशेष जलाया तो उस पर एफआइआर या जुर्माना की कार्रवाई होना तय है।
कौशांबी। पर्यावरण संरक्षण को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर हो गया है। धान की कटाई के बाद कुछ खेतों में किसान पराली जला देते हैं। ऐसे किसानों की सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है। साथ ही जांच कर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी ने टीम भी गठित कर दिया है। कमेटी के सदस्य किसानों पर निगाह बनाए हुए हैं। यदि किसी किसान ने फसल के अवशेष जलाया तो उस पर एफआइआर या जुर्माना की कार्रवाई होना तय है।
धान की कटाई के बाद कुछ बचे हुए पुआल को खेतों में चला देते है। इससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शासन की ओर से फसल के अवशेष जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। किसान खेतों में फसलों के अवशेष न जलाएं, इसके लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है। साथ ही जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने कार्रवाई के लिए टीम का गठन किया है। तहसील मंझनपुर, सिराथू व चायल में एसडीएम की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया है। संबंधित एसडीएम को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा सीओ, उप संभागीय कृषि अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी कृषि को सदस्य बनाया गया है। सभी मिलकर क्षेत्र में किसानों को फसल के अवशेष जलाने से रोकेंगे। कृषि उप निदेशक डा. उदयभान गौतम ने बताया कि धान की कटाई शुरू होने से पूर्व न्याय पंचायत, ब्लाक, तहसील व जनपद स्तर पर कृषि मेला व अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा चुका है कि कटाई के बाद फसल के अवशेष जलाएं। गठित की गई टीम के सदस्य जांच कर रहे है। यदि कोई किसान फसल के अवशेष को जलाता है तो उसे तहसीलदार नोटिस जारी कर उसका पक्ष जानेंगे। यदि किसान ने उचित जवाब नहीं दिया तो एक एकड़ से कम खेत वाले किसान पर 2500 रुपये। इससे बड़े रकबे का पुआल चलाने पर पांच हजार रुपये या 15 हजार रुपये का जुर्माना या मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। पिछले साल 11 किसानों पर दर्ज हुआ था मुकदमा
धान की कटाई के बाद कुछ खेतों में किसान पराली जला देते हैं। इसकी वजह से पर्यावरण दूषित हो रहा है। किसान पराली न जलाए इसके लिए जिला प्रशासन व कृषि विभाग द्वारा सख्ती बरती जा रही है। कृषि डीडी डा. उदयभान गौतम ने बताया कि पिछले वर्ष राजस्व व कृषि विभाग की ओर से की गई जांच में 85 किसान पराली जलाने में दोषी पाए गए थे। इससे 35 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया था। 11 किसानों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस बार भी पराली जलाने के मामले में सख्ती बरती जा रही है। पराली जलाने में दोषी पाए जाने वाले किसानों पर कार्रवाई की जाएगी।