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महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का 'जायका'

सब्जियों के दाम आसमान को छू रहे हैं। रसोई का जायका बिगड़ गया है। आलू प्याज से लेकर हरी सब्जियों के दामों में बेतहासा वृद्धि हो चुकी है। लोगों की थाली से सलाद भी गायब होने लगा है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि घर का खर्च कैसे चलाया जाए किन चीजों में कटौती जाए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 05:25 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 05:25 AM (IST)
महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का 'जायका'
महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का 'जायका'

पुरखास : सब्जियों के दाम आसमान को छू रहे हैं। रसोई का जायका बिगड़ गया है। आलू, प्याज से लेकर हरी सब्जियों के दामों में बेतहासा वृद्धि हो चुकी है। लोगों की थाली से सलाद भी गायब होने लगा है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि घर का खर्च कैसे चलाया जाए, किन चीजों में कटौती जाए।

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सब्जियों की बढ़ती कीमत से गृहणी परेशान हैं। हर साल अक्टूबर-नवंबर में 10 रुपये प्रति किलो मिलने वाला आलू 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। प्याज के दाम में उछाल आने से रसोई में लगने वाले तड़के की महक कमजोर हो गई है। एक महीने पहले प्याज 30 से 40 रुपये किलो बिक रहा था, लेकिन अब रेट 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। टमाटर भी पूरी तरह से लाल हो चुका है। 40 रुपये किलो में बिकने वाला टमाटर 60 रुपये किलो तक पहुंच गया है। अन्य सब्जियों ने भी गृहणियों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। चार-पांच सदस्यों वाले परिवार में 300 रुपये की सब्जी खरीदने से सप्ताह भर चलना मुश्किल हो रहा है। हासिमपुर किनार गांव के सब्जी विक्रेता सुरेश अग्रहरि, तिल्हापुर के राममिलन, बिगहरा के संजय कुशवाहा, विजय कुशवाहा, सुरेमन मौर्या ने बताया कि पिछले 15 दिनों से लगातार सब्जियों के दाम में उछाल है। सब्जियों के दाम 10-20 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैैं। जो लोग ज्यादा सब्जी लेते थे, अब उन्होंने कटौती कर दी है।

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फुटकर में सब्जियों का दाम

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सब्जी पहले- अब

प्याज 20 - 60

आलू 25- 40

टमाटर 40- 60

लहसुन 100- 160

अदरक 80 - 100

बैंगन 20 -30

लोकी 10 -20

भिड़ी 30 -40

करेला 30- 60

शिमला मिर्च 40- 60

हरी मिर्च 80-100

(रेट : प्रति किलो की दर से) किसान का प्याज व आलू खत्म तो बढ़े दाम

सब्जियों में सबसे अधिक आलू व प्याज का प्रयोग होता है। इन दिनों किसान का आलू खत्म हो गया है। जिन किसानों ने कोल्ड स्टोर में आलू व प्याज रखा था। उन्होंने निकाल लिया। किसानों ने कारोबारियों ने भी आलू खरीद दिया। अपने खाने भर का आलू बचाते हुए किसानों ने खेतों में बीज के रूप में प्रयोग कर लिया। अब केवल कारोबारियों के पास ही आलू शेष है। ऐसे में उन्होंने काला बाजारी करते हुए आलू के दामों में वृद्धि कर दी है। जिससे आम लोग परेशान हैं। प्याज भी बाजार में पटी है, लेकिन दाम इतना अधिक है कि लोगों की पहुंच से दूर है। प्याज व आलू की पर्याप्त उपलब्धता बाजार में होने के बाद भी कितने इतनी अधिक हैं कि आम आदमी की समझ में नहीं आ रहा कि वह क्या करें। मंझनपुर निवासी अशोक कुमार सिंह बताते हैं कि आज बाजार में जितना चाहे आलू प्याज खरीद लें। फिर भी दुकानदार यही कहता है कि इनकी कमी है। बाहर से आपूर्ति नहीं हो रही। बाजार में उपलब्धता के बाद कमी की बात समझ नहीं आई। यहां तो नहीं हैं कोई उपाय

जिले में सब्जियों के दाम को कम करने के लिए किसी प्रकार का उपाय नहीं किया गया। जबकि प्रदेश सरकार ने बढ़ रही कीमतों पर लगाम लगाने के लिए स्टोर में रखे आलू को निकलवाने का निर्देश दिया था। लखनऊ की तर्ज पर हर जिले में आलू व प्याज सस्ते दर में बेचे जाने का भी निर्देश हुआ है। कौशांबी में अभी तक इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं हुई। जिसका लाभ लोगों को मिल सके। अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि अब तक उनके पास इस प्रकार को कोई आदेश नहीं आया।


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