कागजों में मृत दिखने वाले जांच में मिले जिदा
राष्ट्रीय पारिवारिक योजना में लाखों की हेराफेरी का मामला विकास खंड कौशांबी क्षेत्र के एक गांव में कुछ दिन पहले सामने आया है। गिरोह से जुड़े लोगों ने 13 लोगों को मृत दिखाकर उनके पत्नी के खाते में लाखों रुपये भेजवा कर बंदरबांट कर लिया है।
कौशांबी : राष्ट्रीय पारिवारिक योजना में लाखों की हेराफेरी का मामला विकास खंड कौशांबी क्षेत्र के एक गांव में कुछ दिन पहले सामने आया है। गिरोह से जुड़े लोगों ने 13 लोगों को मृत दिखाकर उनके पत्नी के खाते में लाखों रुपये भेजवा कर बंदरबांट कर लिया है। शिकायत पर अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लिया। राष्ट्रीय पारिवारिक योजना में हुए फर्जीवाड़ा को दैनिक जागरण ने पांच दिन पूर्व अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह के आदेश मंगलवार को प्रकरण की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय टीम गांव पहुंची। जांच में 10 लोग उन्हें मिले, जिन्हें मृतक दिखाकर लाखों की हेराफेरी की गई है। टीम के सदस्यों ने जांच रिपोर्ट डीएम व सीडीओ भेज दी है। जांच शुरू होने के बाद गड़बड़ी करने वालों में हडकंप मचा हुआ है।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की मुखिया की मौत होने के बाद राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के तहत समाज कल्याण विभाग की ओर से 30 हजार रुपये का लाभ देने का प्राविधान है। जिले में इस योजना में भारी खेल किया हो रहा है। आरोप है कि विकास खंड कौशांबी क्षेत्र के ग्राम पंचायत कायमपुर गोपाल मिश्र का पूरा में 13 व्यक्तियों को मृतक दिखाकर उनके स्वजनों के नाम पर तीन लाख 90 हजार रुपये निकाला गया है। जिन व्यक्ति को मृतक दिखाकर सरकारी धन का दुरुउपयोग किया गया है। वह जीवित हैं। शिकायत पर जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने पूरे प्रकरण की जांच शुरू करा दी है। मंगलवार को मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) डॉ. बीपी पाठक की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम मौके पर पहुंच कर जांच किया तो स्पष्ट हुआ कि जिन व्यक्तियों को कागजों में मृतक दिखाकर लाखों की हेराफेरी की गई है। दस लोग जिदा मिले। सीवीओ ने बताया कि जिनको मृतक दिखाकर रुपये निकाला गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधान ने यह कहकर अभिलेख मांगा गया था कि गरीबों के लिए सरकार ने दो-दो हजार रुपये भेजा है। उसे खाते भेजवाना है। आरोप है कि योजना में जिन लोगों ने खेल किया है। वह लाभार्थियों को दो-दो हजार देकर पूरी धनराशि ले लिया है। जांच रिपोर्ट डीएम व सीडीओ को सौंपी गई हैं। उनके स्तर से कार्रवाई की जाएगी।