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छात्राओं के हॉस्टल में कर्मचारियों का कब्जा

जिला मुख्यालय मंझनपुर में पांच वर्ष पूर्व डेढ़ करोड़ की लागत से महामाया राजकीय बालिका छात्रावास बनाया है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से निर्मित हॉस्टल अब तक आवंटन नहीं किया। हॉस्टल के कमरों में कर्मचारियों कब्जा है। करोड़ों खर्च होने के बाद हॉस्टल छात्राओं के काम नहीं आ रहा है। देखरेख के अभाव में कुछ दरवाजे व खिड़की भी चोरी हो गए हैं। शिकायत के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 11:19 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 06:28 AM (IST)
छात्राओं के हॉस्टल में कर्मचारियों का कब्जा
छात्राओं के हॉस्टल में कर्मचारियों का कब्जा

जासं, कौशांबी : जिला मुख्यालय मंझनपुर में पांच वर्ष पूर्व डेढ़ करोड़ की लागत से महामाया राजकीय बालिका छात्रावास बनाया है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से निर्मित हॉस्टल अब तक आवंटन नहीं किया। हॉस्टल के कमरों में कर्मचारियों कब्जा है। करोड़ों खर्च होने के बाद हॉस्टल छात्राओं के काम नहीं आ रहा है। देखरेख के अभाव में कुछ दरवाजे व खिड़की भी चोरी हो गए हैं। शिकायत के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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बालिकाओं के उच्च शिक्षा में प्रतिशत बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है। ओसा में महामाया राजकीय डिग्री कालेज संचालित किया जा रहा है। यहां पर पढ़ने वाली छात्राओं को रहने के लिए मंझनपुर में महामाया छात्रावास पांच वर्ष पूर्व बनाया गया है। डेढ़ करोड़ की लागत बनाए गए छात्रावास को कार्यदायी संस्था ने वर्ष 2014 में आवासीय भवन को जिला समाज कल्याण अधिकारी को सौंप दिया। आवास में 18 कमरे बनाए हैं और उसमें 50 छात्राओं रह सकती हैं। हैंडओवर होने के पांच वर्ष बाद भी समाज कल्याण विभाग आवास का आवंटन नहीं कर सका, जबकि महामाया राजकीय बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राएं किराए पर कमरा लेकर ओसा व मंझनपुर में रहती हैं। शिकायत के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। तोड़ दिया गया ट्रांसफार्मर

हैंडओवर के बाद ट्रांसफार्मर से आवास परिसर व सभी रूम में बिजली का आपूर्ति की जाती थी। देखरेख के अभाव में अराजकतत्वों ने तीन वर्ष पूर्व ट्रांसफार्मर को तोड़ दिया जिसकी वजह से बिजली की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। बिजली व पानी की व्यवस्था न होने के कारण छात्रावास का आवंटन नहीं हो पा रहा है। खास बातें

- वर्ष 2009 में शुरू कराया गया था छात्रावास का निर्माण

- डेढ़ करोड़ की लागत से बनाया गया है छात्रावास

- समाज कल्याण विभाग को वर्ष 2014 में हैंड ओवर किया गया छात्रावास

- बिजली व पानी की सुविधा न होने के कारण आवासों का नहीं हुआ आवंटन

जिला मुख्यालय में निर्मित राजकीय महामाया बालिका छात्रावास का आवंटन कराने के लिए महामाया महाविद्यालय, आइटीआइ के प्राचार्य व डायट के प्राचार्य को पत्र भेजा गया है। इन दिनों छात्रावास परिसर में बिजली व पानी की पूर्ति न होने के कारण छात्राएं रहने के लिए तैयार नहीं है। आवास में बिजली व पानी उपलब्ध कराने के लिए शासन को पत्र भेजकर धन की मांग की गई है।

-सुधीर कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी।


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