लकड़ी के पोल के सहारे 30 साल से बिजली की आपूर्ति
सरायअकिल के बटबंधुरी गांव का विद्युतीकरण करीब 30 साल पहले किया गया था। इस दौरान विद्युतीकरण का काम करा रहे ठेकेदार ने पांच लकड़ी के पोल लगा दिए। इनमें से तीन पोल तो विभाग ने बदल दिए लेकिन दो लकड़ी के पोल अब भी लगे हैं। यह पोल पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। इनके कारण कभी भी हादसा हो सकता है। गांव के लोग लकड़ी का पोल हटाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।
संसू, म्योहर : सरायअकिल के बटबंधुरी गांव का विद्युतीकरण करीब 30 साल पहले किया गया था। इस दौरान विद्युतीकरण का काम करा रहे ठेकेदार ने पांच लकड़ी के पोल लगा दिए। इनमें से तीन पोल तो विभाग ने बदल दिए, लेकिन दो लकड़ी के पोल अब भी लगे हैं। यह पोल पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। इनके कारण कभी भी हादसा हो सकता है। गांव के लोग लकड़ी का पोल हटाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।
बटबंधुरी गांव का विद्युतीकरण करीब 1990 में हुआ है। इस दौरान गांव की जनसंख्या कम थी। गांव का विस्तार भी नहीं हुआ था। गांव के किनारे पर एक दो लोगों के ही घर बने थे। ऐसे में ठेकेदार ने वहां सीमेंट का पोल न लगाकर सीधे लकड़ी के खंभे लगा दिया। सागौन की लकड़ी के बने इन पोल के सहारे उसने विद्युतीकरण का कार्य कर दिया। समय के साथ-साथ तीन पोल तो टूट गए। उनके स्थान पर विभाग ने नए पोल लगा दिया, लेकिन दो पोल अब भी सागौन की लकड़ी के लगे हैं। गांव के लोगों ने पोल को बदलने के लिए अधिकारियों को अब तक दर्जनों बार पत्र दिया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला। गांव के लोग अब परेशान हो चुके हैं। उनका मानना है कि यह पोल कब टूट जाएं इसका भरोसा नहीं है। दुर्घटना से बचने के लिए इनका बदला जाना जरूरी है।
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करीब 30 साल पहले लकड़ी का खंभा लगाकर बिजली की लाइन बनाई गई थी। यह खंभे अब जर्जर हो चुके हैं। इसको बदला जाना चाहिए। जिससे लोगों की जान माल का नुकसान न होने पाए।
- मोहम्मद उस्मान
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लकड़ी का पोल होने से अब इसके सहारे लाइन खींचना बहुत ही खतरनाक लग रहा है। इसके कारण दूर से ताल लगाकर काम चला रहे हैं। दूरी अधिक होने के कारण लो वोल्टेज रहता है।
- अमित सिंह
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गांव का विद्युतीकरण हुए लंबा समय बीत गया है। इसके बाद से विभाग ने अब तक इनकी सुध नहीं ली। इसके कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लकड़ी के खंभा होने से आसपास के लोग भी डरे हैं।
- प्रकाश प्रजापति
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हम लोगों ने विधायक, डीएम, एसडीओ, जेई आदि को दर्जनों बार पत्र दिया। इसके बाद भी समस्या का निदान नहीं हो रहा है। करीब 15 साल से लोग लगातार इनको हटाने की मांग कर रहे हैं।
कमलाकांत मौर्य
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बहुत पहले विभाग में लकड़ी के पोल लगाया जाता था, लेकिन दशकों पहले इन पोल को हटाने का काम शुरू हो गया था। अब एक भी लकड़ी का पोल नहीं होना चाहिए, लेकिन यदि है तो इनको हटाने के लिए कहा जाएगा।
- एसके श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता, कौशांबी