रावण का जन्म होते ही कांप उठी धरती, मच गया हाहाकार
सिराथू कस्बे में हो रही रामलीला में मंचन के दौरान दूसरे दिन राक्षसराज रावण का जन्म हुआ। जिसके बाद धरती कांपने लगी और चारों ओर हाहाकार मच गया। सुर नाग गंधर्व मनुष्य भय से विचलित होने लगे।
कौशांबी। सिराथू कस्बे में हो रही रामलीला में मंचन के दौरान दूसरे दिन राक्षसराज रावण का जन्म हुआ। जिसके बाद धरती कांपने लगी और चारों ओर हाहाकार मच गया। सुर, नाग, गंधर्व मनुष्य भय से विचलित होने लगे।
नगर पंचायत सिराथू में 10 दिवसीय सजीव रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। रविवार की रात मंचन में राक्षसी के किसी के गर्भ से आताताई रावण, कुंभकरण का जन्म हुआ। जिसके बाद धरती थरथर कांपने लगी। तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। देवता, मनुष्य भय से व्याकुल होकर भगवान विष्णु का स्मरण करने लगे। इसके अलावा मनु शतरूपा की तपस्या का मंचन किया गया। जिसमें श्री हरि विष्णु को पुत्र रूप में पाने के लिए दोनो ने वन मे जाकर घोर तपस्या की। तप से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें दर्शन दिए और वरदान मांगने के लिए कहा ।जिस पर उन्होंने उन्हें ही पुत्र रूप में प्राप्त करने की लालसा जाहिर की। ईश्वर ने उनके घर पुत्र बन कर आने के लिए कहा। मंचन के बाद सभी भक्तों ने भगवान श्री राम की भव्य झांकी की आरती उतारी। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष धर्मेंद्र केसरवानी सहित तमाम लोग मौजूद रहे। धर्म की रक्षा करना ही भागवत का मूल मंत्र
अध्यात्म उपासना आश्रम के तत्वाधान से धर्म संवर्धन एवं जन कल्याणार्थ के लिए मंझनपुर के पीएचसी के पास स्थित श्रीमद् भागवत का आयोजन कर श्रद्धालुओं को धर्म व भक्ति से सराबोर किया जा रहा हैं ।
भागवत कथा वाचक शिवसागर महाराज जी ने सोमवार को बताया कि धर्म के प्रति जिसका लगाव झुकाव नही हैं। उसे शास्त्रों में चांडाल तथा स्वास लेता हुआ मुर्दा कहा गया है। साथ ही बताया कि धर्म हमारा पिता है ,क्षत्र है इसलिए धर्म रक्षा हमारा प्रथम कर्तव्य है। सभी लोगों को धर्म की रक्षा करनी चाहिए तभी धर्म हमारी रक्षा करेगा। कहा कि कलयुग के कलुषित प्राणियों का कल्याण करने की सामर्थ भागवत में हैं। भक्ति,ज्ञान,वैराग्य द्वारा प्राणी को परम पवित्र कर भगवद प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त कर दे यही भागवत है। कथा में संतोष शुक्ल,मथुरा प्रसाद अग्रहरी, हरिशचन्द्र केशरवानी, शिवरतन गुप्ता, झल्लर चौरसिया (सभासद), जितेंद्र सोनकर, पूर्व ब्लाक प्रमुख सुरेश साहू, सतीश केसरवानी, राजेश केसरवानी, पवन गुप्ता, अनिल त्रिपाठी (अन्नू), सुशील कुमार केशरवानी( गोलू) आदि भक्त कथा में मौजूद रहे।