सूखी पड़ी नहर, किसान खेतों का पलेवा करने को परेशान
सिल्ट सफाई के चक्कर में पिछले 20 दिनों से नहरों में पानी का प्रवाह नहीं हो रहा है। इसकी वजह से गेहूं की बुआई के लिए किसान खेतों का पलेवा (सिंचाई) नहीं कर पा रहे हैं।
नारा : सिल्ट सफाई के चक्कर में पिछले 20 दिनों से नहरों में पानी का प्रवाह नहीं हो रहा है। इसकी वजह से गेहूं की बुआई के लिए किसान खेतों का पलेवा (सिंचाई) नहीं कर पा रहे हैं। नहरों की सफाई का काम भी बड़ी मंद गति से चल रहा है। मौसम में अचानक बदलाव होने से किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है। अन्नदाताओं को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वह क्या करें।
धान की कटाई के साथ ही किसान गेहूं की बुआई को खेतों का पलेवा करना चाह रहे हैं, लेकिन सूखी पड़ी नहरों के चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सिराथू तहसील क्षेत्र का 70 फीसद भू भाग की सिंचाई नहरों के माध्यम से होती है। लेकिन नहरों व रजबहों में समय पर पानी न आने से खेती किसानी पिछड़ रही है। बड़ी नहरे रामगंगा कामंड व करारी माइनर में पिछले एक महीने से पानी नहीं आया है, जिसकी वजह से इससे निकले रजबहों भी सूखे पड़े है। क्षेत्र के नारा गांव से होकर निकले रजबहे में टेल तक पानी कई सालों से नहीं पहुंचा है। नहरों व रजबहे की हर साल सिल्ट सफाई तो होती है, लेकिन पानी टेल तक नहीं पहुंचता है। बीच में कई जगह कटान होने से सिंचाई प्रभावित होती है। क्षेत्र के असलम, राजकुमार, जगतनारायण आदि किसानों ने बताया की नहर में अब तक पानी न आने से गेहूं की फसल की बुआई के लिए खेतों का पलेवा नहीं हो पा रहा है। 15 नवंबर से गेहूं की फसल बुआई का समय शुरू हो गया है। यदि नहर में पानी का प्रवाह न हुआ तो गेहूं की बुआई में देरी होगी।