संस्थागत प्रसव की कम संख्या पर डीएम खफा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए सरकार प्रयासरत है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश भी दिया गया, लेकिन कुछ चिकित्सा प्रभारी और स्वास्थ्य कर्मी संस्थागत प्रसव को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं, जिसकी वजह से जिले के पांच सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव का प्रतिशत काफी खराब है। इस पर डीएम ने नाराजगी जताई है। साथ ही सीएमओ को निर्देश दिया है। संस्थागत प्रसव कराने में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सा प्रभारी व स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाए।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत आशाएं गर्भवती महिलाओं का चयन कर अस्पताल पहुंचाकर उनका पंजीयन कराती हैं। इसके बाद गर्भावस्था के दौरान उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिससे जच्चा-बच्चा सुरक्षित रहे। पंजीयन कराकर संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं को पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। लेकिन, चिकित्सा प्रभारियों और स्वास्थ्यकर्मियों की अनदेखी की वजह से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कनैली, सिराथू, कड़ा, सरसावा और मूरतगंज में संस्थागत प्रसव की प्रतिशत काफी कम है। समीक्षा में खुलासा होने पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने नाराजगी जताई है। साथ ही सीएमओ डॉ. चतुर्वेदी को निर्देश दिया है कि संबंधित अस्पताल के चिकित्सा प्रभारियों व स्वास्थ्य कर्मियों से जवाब मांगते हुए कार्रवाई की जाए। संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे मातृ एवं शिशु मत्युदर में कमी आए।