गंगा घाटों पर गंदगी का ढेर, स्वच्छता समिति बेपरवाह
गंगा को निर्मल व स्वच्छ बनाने के लिए शासन व प्रशासन स्तर से दावा किया जा रहा है। गंगा की स्वच्छता को लेकर गंगा स्वच्छता समिति का गठन किया गया है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। घाटों में फैली गंदगी की वजह से स्नान के लिए पहुंचाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है।
कौशांबी : गंगा को निर्मल व स्वच्छ बनाने के लिए शासन व प्रशासन स्तर से दावा किया जा रहा है। गंगा की स्वच्छता को लेकर गंगा स्वच्छता समिति का गठन किया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। घाटों में फैली गंदगी की वजह से स्नान के लिए पहुंचाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। साथ ही पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है।
गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए जिला स्तरीय गंगा सुरक्षा समिति बनी है। समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी, सचिव प्रभागीय वनाधिकारी के अलावा 13 सदस्य भी हैं। समिति की जिम्मेदारी है कि वह गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए लोगों को जागरूक करें। ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाए। साथ ही घाटों पर स्नान के लिए आने वाले लोगों को गंगा को प्रदूषित न करने और साबुन शैंपू आदि को प्रयोग न करें। इसके लिए वन विभाग ने घाटों के किनारे साबुन का प्रयोग करने पर जुर्माना का बोर्ड तो लगा रखा है। लेकिन यह सब कागजों पर है। गंगा स्नान के दौरान लोग खुलेआम साबुन का प्रयोग कर रहे हैं। यही नहीं बस्ती के लोग कड़ा स्थित कुबरी घाट पर कचरा फेंककर चले जाते हैं। इससे घाट पर गंदगी फैली है। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। रक्षा बंधन पर्व व सावन के आखिरी सोमवार को गंगा स्थान करने के लिए पहुंचने वाले लोगों को परेशानी हुई। इस समस्या को गंभीरता से लेने के बाद गंगा गोमती सेवा संस्थान के अध्यक्ष विनय पांडेय ने अपने साथियों के सहयोग से सोमवार को गंगा घाट की सफाई कराई। विनय पांडेय का कहना है कि गंगा घाट पर कूड़ा घर भी बना है, लेकिन लोग खुले में ही कचरा फेंक रहे हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया है। घाट पर गंदगी अधिक हो जाती है तो वह सहयोगियों के साथ मिलकर सफाई करते है। इस संबंध में गंगा स्वच्छता समिति के सचिव पीके सिन्हा का कहना है कि गंगा घाट पर गंदगी फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।