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मां की एक झलक पाने को भक्त रहे बेकरार

कोरोना संक्रमण को लेकर बने नियमों ने भक्तों को भले ही मां के दरबार तक पहुंचने में संकट खड़ा कर दिया हो लेकिन उनकी आस्था में कमी नहीं आई है। मां की एक झलक पाने के लिए भक्त बेकरार हैं। तीर्थ पुरोहित भी इस संकट की घड़ी में उनके साथ हैं। वह यजमानों को ऑनलाइन मां के दर्शन करा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 10:40 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 10:40 PM (IST)
मां की एक झलक पाने को भक्त रहे बेकरार
मां की एक झलक पाने को भक्त रहे बेकरार

संसू, देवीगंज : कोरोना संक्रमण को लेकर बने नियमों ने भक्तों को भले ही मां के दरबार तक पहुंचने में संकट खड़ा कर दिया हो, लेकिन उनकी आस्था में कमी नहीं आई है। मां की एक झलक पाने के लिए भक्त बेकरार हैं। तीर्थ पुरोहित भी इस संकट की घड़ी में उनके साथ हैं। वह यजमानों को ऑनलाइन मां के दर्शन करा रहे हैं। घर बैठे दर्शन व पूजन कर वह मां से सुख समृद्धि का वरदान मांग रहे हैं।

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चैत्र नवरात्र में तीर्थ स्थलों में भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन कोरोना संक्रमण ने इस बार भक्तों की भीड़ पर ब्रेक लगा दिया है। तीर्थ क्षेत्र कड़ा में जहां नवरात्र में लाखों की संख्या में लोग आते थे। प्रतिदिन मेले सा माहौल रहता था। वहां अब कोरोना के चलते भक्तों की संख्या में कमी आई है। भक्त प्रतिदिन देवी के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन के लिए घर बैठे दर्शन के लिए लालायित रहते हैं। इसके लिए वह अपने पुरोहित को फोन करते हैं और ऑनलाइन दर्शन करते हैं। कुछ भक्त तो ऑनलाइन पूजन तक करते दिखे जाते हैं। उनकी मांग पर पुरोहित ही सब कर्म करते हुए उनके लिए मां से आशीर्वाद मांगता है। कोरोना संक्रमण काल में ऑनलाइन पूजा व दर्शन का चलन बढ़ा है।

पश्चिमशरीरा प्रतिनिधि के अनुसार- पश्चिम शरीरा कस्बे में झारखंडी देवी मंदिर में भक्त आपसी दूरी का ध्यान रखते हुए गुरुवार को श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ किया। प्रति दिन गांव के तमाम लोग यहां आते हैं। दुर्गा सप्तसती का पाठ व देवी के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं।

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दुर्गा मंदिर में लगा रहा भक्तों का तांता

जासं, कौशांबी : जिला मुख्यालय मंझनपुर स्थित दुर्गा मंदिर में गुरुवार को भी भक्तों की भीड़ इकट्ठा रही। सुबह छह बजे से ही भक्तों की भीड़ जमा हो गई। फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन कराने के लिए पुलिस फोर्स मौजूद रहे। पुजारी ने लाइन लगाकर श्रद्धालुओं को मां दुर्गा के दर्शन कराए। घंट-घड़ियाल के बीच सारा दिन मंदिर परिसर जयकारे से गुंजायमान रहा।

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माता चंद्रघंटा से मांगा अंधकार रूपी महिषासुर के मर्दन वर

संसू, टेढ़ीमोड़ : पवित्र चैत्र माह में हिदू नव वर्ष के प्रारंभ में नवरात्र के तृतीय दिवस पर माता चंद्रघंटा की आराधना व पूजन कर भक्त पाप व अधर्म से दूर रहने का वर मांगते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार जब दानवों का आतंक बढ़ने लगा तो मां दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का स्वरूप लिया। महिषासुर नामक राक्षस देव राज इंद्र का सिंहासन प्राप्त कर स्वर्गलोक पर राज करना चाहता था। उसकी इस इच्छा को जानकार सभी देवता परेशान हो गए और इस परेशानी के हल के लिए देवताओं ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश की सहायता मांगी।


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