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50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं को पूरा करें

मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले विकास कार्यक्रमों व जनपद में चल रही धान खरीद को लेकर मंडलायुक्त ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने स्पष्ट किया है कि 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 12:05 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 12:05 AM (IST)
50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं को पूरा करें
50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं को पूरा करें

कौशांबी : मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले विकास कार्यक्रमों व जनपद में चल रही धान खरीद को लेकर मंडलायुक्त ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने स्पष्ट किया है कि 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाए। निर्माण कार्यों में लापरवाही बरत रही कार्यदायी संस्थाओं से जवाब भी मांगा जाए, जिससे निर्धारित समय में उनका कार्य पूरा हो। मंडलायुक्त ने स्पष्ट किया कि निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष धान खरीद हर हाल में करनी होगी।

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कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त आर रमेश कुमार ने जनपद में 50 लाख से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की जानकारी लिया। जिलाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि चार बड़ी परियोजनाएं अभी लंबित है, जिसमें मेडिकल कॉलेज, रामपथ वन गमन मार्ग, मनौरी एयरपोर्ट से बौद्ध स्थल सड़क चौड़ीकरण व बस डिपो शामिल है। मंडलायुक्त ने कहा कि इन परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देकर निर्माण का पूरा कराया जाए। जिलाधिकारी ने बताया कि शासन की मंशा के अनुसार धान खरीद की जा रही है। सभी क्रय केंद्रों पर धान खरीद चल रही है। अब तक दस हजार 187 मीट्रिक धान खरीद की जा चुकी है। मंडल में कौशांबी का दूसरा स्थान है। जिले में धान खरीद को लेकर मंडलायुक्त ने सराहना की। उन्होंने कहा कि लक्ष्य के सापेक्ष हर हाल में धान खरीद करनी होगी। जो क्रय केंद्र प्रभारी धान खरीद में लापरवाही बरत रहे हो उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जाए। धान खरीद का निरीक्षण करने पहुंचे मंडलायुक्त

भरवारी : मंडलायुक्त ने मंगलवार को भरवारी स्थित मंडी समिति परिसर में बनाए गए धान क्रय केंद्र का औचक निरीक्षण किया। वहां पर मौजूद कुछ किसानों ने आयुक्त से शिकायत किया कि हाइब्रिड धान की खरीददारी न होने से परेशानी हो रही है। किसान अपनी उपज को औने-पौने दाम बेचने को मजबूर हैं। मंडलायुक्त ने कहा कि हाइब्रिड धान में मात्र 58 प्रतिशत चावल निकल रहा है जब कि 66 प्रतिशत निकलना चाहिए। इस वजह से हाइब्रिड धान की खरीद नहीं हो पा रही है। इस दौरान डीएम अमित कुमार सिंह, विपणन अधिकारी अंशुमालिक शंकर व चायल एसडीएम ज्योति मौर्या मौजूद रहीं।


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