Move to Jagran APP

सामुदायिक शौचालय में ताला, दूषित हो रहा पर्यावरण

केंद्र सरकार की ओर से पर्यावरण की स्वच्छता के लिए स्वच्छता भारत मिशन लागू किया गया है। इसके तहत कस्बों व गांवों में लाखों की लागत से सामुदायिक शौचालय भी बनाए गए है लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से जनपद के अधिकतर शौचालयों में ताला लटक रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को खुले में शौच करना पड़ता है। इसकी शिकायत भी ग्रामीण प्रधान व सचिव से की थी लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 10:54 PM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 10:54 PM (IST)
सामुदायिक शौचालय में ताला, दूषित हो रहा पर्यावरण
सामुदायिक शौचालय में ताला, दूषित हो रहा पर्यावरण

संसू, म्योहर : केंद्र सरकार की ओर से पर्यावरण की स्वच्छता के लिए स्वच्छता भारत मिशन लागू किया गया है। इसके तहत कस्बों व गांवों में लाखों की लागत से सामुदायिक शौचालय भी बनाए गए है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से जनपद के अधिकतर शौचालयों में ताला लटक रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को खुले में शौच करना पड़ता है। इसकी शिकायत भी ग्रामीण प्रधान व सचिव से की थी, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।

prime article banner

ग्रामीणों की सुविधा के लिए मंझनपुर विकास खंड क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। बनाए गए कई शौचालयों का ताला बंद है। ऐसे में स्वच्छता अभियान के दावों की पोल खुल रही हैं। इसका नमूना फरीदपुरसमरो में देखा जा सकता है। ग्रामीणों की माने तो दो साल पहले ग्राम पंचायत की ओर से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। इससे गांव के लोगों में उम्मीद जगी थी कि खुले में शौच के लिए नहीं जाना होगा। शौचालय का निर्माण पूरा होने के बाद उसमे ताला बंद कर लिया गया, जबकि शौचालय की साफ-सफाई व देखरेख के नाम पर महिला स्वयं सहायता समूह को को प्रतिमाह नौ हजार रुपये दिए जा रहे है। ताला बंद होने की वजह से ग्रामीण शौचालय का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसको लेकर ग्रामीणों में अधिकारियों के प्रति नाराजगी है। दो साल पहले ग्राम पंचायत की ओर से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। इससे गांव के लोगों में उम्मीद जगी थी कि खुले में शौच के लिए नहीं जाना होगा। ताला बंद होने की वजह से खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है।

रामकेवल शौचालय की साफ-सफाई व देखरेख के नाम पर महिला स्वयं सहायता समूह को को प्रतिमाह नौ हजार रुपये दिए जा रहे है। ताला बंद होने की वजह से ग्रामीण शौचालय का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं।

रामसुख ग्राम पंचायत में बनाए गए सामुदायिक शौचालय में अकसर ताला बंद रहता है। ऐसे में ग्रामीण इसका प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में स्वच्छता अभियान के दावों की पोल खुल रही हैं।

बाल्मीकि पंचायतीराज विभाग ने तीन वर्ष पूर्व गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया है, लेकिन कई लोगों के पास शौचालय नहीं हैं। सामुदायिक शौचालयों में ताला बंद कर दिया गया। इससे परेशानी हो रही है।

संदीप कुमार विकास खंड मंझनपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत फरीदपुर समरो में बनाए गए सामुदायिक शौचालय में ताला बंद होने की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो मामला गंभीर है। पूरे प्रकरण की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

बाल गोबिद श्रीवास्तव, डीपीआरओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.