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ओसा जिला मुख्यालय के नजदीक, फिर भी बदहाल

मंझनपुर जिला मुख्यालय के पास है ओसा गांव फिर भी बदहाली छाई हुई है। गांव के लोग समस्याओं से परेशान हैं। उनके पास न तो पीने के लिए पानी है और न ही आवास व पेंशन का लाभ ही मिल पा रहा है। इनकी हालत का पता तब चला जब मंझनपुर तहसील के ओसा गांव में रविवार को दैनिक जागरण टीम पहुंची। ग्रामीणों ने गांव में हुए विकास कार्यों की जांच कराए जाने की मांग करते हुए अधिकारियों से समस्याओं से निराकरण को कहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 11:01 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 11:01 PM (IST)
ओसा जिला मुख्यालय के नजदीक, फिर भी बदहाल
ओसा जिला मुख्यालय के नजदीक, फिर भी बदहाल

संसू, टेंवा : मंझनपुर जिला मुख्यालय के पास है ओसा गांव फिर भी बदहाली छाई हुई है। गांव के लोग समस्याओं से परेशान हैं। उनके पास न तो पीने के लिए पानी है और न ही आवास व पेंशन का लाभ ही मिल पा रहा है। इनकी हालत का पता तब चला जब मंझनपुर तहसील के ओसा गांव में रविवार को दैनिक जागरण टीम पहुंची। ग्रामीणों ने गांव में हुए विकास कार्यों की जांच कराए जाने की मांग करते हुए अधिकारियों से समस्याओं से निराकरण को कहा है।

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टीम ने पाया कि गांव के अंदर तक पहुंचने का मुख्य मार्ग सालों से उखड़ा था। सड़क को बने सालों बीत जाने के बाद भी दोबारा किसी ने सुधि नहीं ली। इसके कारण समस्या और जटिल हो गई। गांव का सफाई कर्मी गायब रहता है। ऐसे में यहां गंदगी फैली रहती है। जिन लोगों के पास आवास नहीं हैं, उनको योजना का लाभ नहीं मिला। जबकि गांव में कई अपात्रों को आवास योजना का लाभ मिला है। ग्रामीणों की मानें तो इस प्रकार पेंशन व राशन कार्ड भी ऐसे लोगों को मिला है जो सक्षम हैं। ग्रामीणों की मानें तो वह अपनी समस्याओं को लेकर सालों से अधिकारियों के पास पहुंचकर समाधान किए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुन नहीं रहा, जिससे वह निराश हैं। ओसा गांव से कोड़र तक कच्ची सड़क पांच वर्ष पहले बनी थी। आज तक मरम्मत नहीं हुई न इंटर लाकिग व डामरीकरण की कोई योजना बनी।

- मुन्नालाल गांव में कर्मी नहीं आता। ऐसे में संक्रामक बीमारी फैलने का भय है। कई बार प्रधान समेत स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से भी शिकायत किया गया।

- मुंशीलाल झोपड़ी में रहने के बाद भी आवास नहीं मिला। जबकि तमाम लोगों के पास पहले से पक्का घर होने के बावजूद आवास का लाभ दे दिया गया।

- रेखा देवी प्रधानमंत्री आवास देने के नाम पर प्रधान 20 हजार की मांग कर रहा था, लेकिन रुपये वह नहीं दे पाए। इससे आवास नहीं दिया जा सका।

- राजकुमार

जो भी पात्र थे, सभी को आवास दिया गया है जो शेष बचे हैं, उनकी सूची भेजी गई है। आवास के नाम पर किसी को परेशान नहीं किया जा रहा। लोगों की पेयजल समस्या व अन्य मामलों को लेकर गंभीरता दिखाई जा रही है।

- राम सुरेमन, ग्राम प्रधान ओसा।


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