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नहरों की सफाई धीमी, पानी के लिए करना होगा इंतजार

कौशांबी किशनपुर पंप कैनाल की मुख्य माइनर व उसके रजबहा की सिल्ट सफाई के कार्य के लि

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 11:08 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 11:08 PM (IST)
नहरों की सफाई धीमी, पानी के लिए करना होगा इंतजार
नहरों की सफाई धीमी, पानी के लिए करना होगा इंतजार

कौशांबी : किशनपुर पंप कैनाल की मुख्य माइनर व उसके रजबहा की सिल्ट सफाई के कार्य के लिए सिचाई विभाग ने नवंबर माह में टेंडर दिया है। सिचाई विभाग ने 275 किलोमीटर नहरों की शिल्ट सफाई के लिए बजट की मांग की थी, लेकिन 208 किमी. तक नहरों की सिल्ट सफाई के बजट मिला है। इसके अलावा जिस ठेकेदार को नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य सौंपा गया है। वह लापरवाही बरत रहा है। ऐसे में नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य सफर कर रहा है। ऐसे में पानी के लिए अभी और इंतजार करना होगा।

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जनपद के अधिकतर किसान नहर के पानी से फसलों की सिचाई करते हैं। फतेहपुर जनपद के किशनपुर पंप कैनाल से निकलने वाली मुख्य नहर व माइनर 275 किलोमीटर के दायरे में फैली है। मुख्य नहर व सभी माइनरों की सिल्ट सफाई के लिए विभाग ने 89 लाख रुपये की मांग की थी। इसके सापेक्ष 57 लाख मिला। धन मिलने के बाद सिल्ट सफाई का टेंडर दिया गया है। ठेकेदार को 15 दिसंबर तक पूरा करना है। लेकिन कार्य की गति को देखते हुए लगता नहीं कि निर्धारित समय के भीतर सफाई हो पाएगी। ऐसे में किसानों को फसलों की सिंचाई हेतु पानी का और इन्तजार करना होगा। विभागीय अधिकारियों की मानें तो मुख्य नहरों की अभी 65 फीसद सफाई ही की गई है।

किसानों की माने तो ठेकेदार नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य काफी मंदगति से कर रहा है। कुछ नहरें सफाई के बाद भी समतल नहीं हैं। जिसकी वजह से नहरों में पानी के प्रवाह में परेशानी होगी। कुछ ऐसे स्थान हैं। जहां सफाई के अभाव में पिछले कई साल से पानी नहीं पहुंचा। इसमें एगवां, छेकवा, दिया ऊपरहार व भखंदा गांव तक शामिल हैं। इसी प्रकार कनैली माइनर की भी सफाई में गड़बड़ी करने का आरोप किसानों ने लगाया है। भाकियू के मंडल अध्यक्ष नूरुल इस्लाम का कहना है कि सफाई में गड़बड़ी हुई तो किसान संगठन धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

इन नहरों की होनी है सफाई :

जिन नहरों में सिल्ट की सफाई करानी है। उनमें किशनपुर मुख्य नहर, कोरीपुर माइनर, अमीना, बेरौचा, म्योहर, कनैली, जैतपुर, सरायअकिल, अंबारी, अषाढ़ा, सोनारी, करारी, भेलखा, उदहिन, पइंसा, अगियौना माइनर शामिल हैं।

बजट के अभाव में कार्य ठप :

जिले भर में फैली नहरों में 67 किलोमीटर नहरों की सफाई के कार्य के लिए बजट नहीं मिला न ही टेंडर हुआ है। ऐसे में इन नहरों की सफाई कैसे होगी। चायल तहसील क्षेत्र की सचवारा माइनर सात किलोमीटर में फैली हुई है। इस नहर से दर्जन भर गांव के किसान खेतों की सिचाई कार्य करते थे, लेकिन इस बार इस माइनर की सफाई के लिए टेंडर नहीं हुआ है। किसानों का कहना है कि सिल्ट सफाई न हुई तो नहर में पानी का प्रवाह नहीं होगा और सिचाई प्रभावित होगी।

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नहरों में सिल्ट सफाई की मॉनीटरिग कराई जा रही है। कुछ नहरें गीली थीं, जिसकी वजह से सिल्ट सफाई का कार्य प्रभावित हुआ है। ठेकेदार को चेतावनी दी गई है। 14 दिसंबर तक सफाई का कार्य पूरा करा लें, जिससे नहरों में पानी का प्रवाह किया जा सके।

-आरके निरंजन, एक्सईएन सिचाई खंड, कौशांबी।


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