महिला सशक्तीकरण का पाठ पढ़ा रहीं छाया
हमारा देश एवं हमारा समाज तभी सशक्त बन सकता है जब हमारे समाज में महिलाएं भी सशक्त होंगी। महिलाएं ही घर परिवार की नींव होती हैं। सशक्त महिला ही अपने घर परिवार समाज व देश के सभी क्षेत्रों में अपने योगदान से वहां का उत्थान कर सकती हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए सर्व प्रथम ये जरूरी है कि महिलाएं शारीरिक मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत एवं जागरूक हों। चायल विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय गिरिया खालसा की प्रधानाध्यापिका छाया प्रकाश यही काम कर रही हैं।
टेढ़ीमोड : हमारा देश एवं हमारा समाज तभी सशक्त बन सकता है, जब हमारे समाज में महिलाएं भी सशक्त होंगी। महिलाएं ही घर परिवार की नींव होती हैं। सशक्त महिला ही अपने घर, परिवार, समाज व देश के सभी क्षेत्रों में अपने योगदान से वहां का उत्थान कर सकती हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए सर्व प्रथम ये जरूरी है कि महिलाएं शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत एवं जागरूक हों। चायल विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय गिरिया खालसा की प्रधानाध्यापिका छाया प्रकाश यही काम कर रही हैं।
प्रधानाध्यापिका छाया प्रकाश पिछले 11 सालों से महिलाओं को जागरूक एवं सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। आज भी पिछड़े क्षेत्रों में माता-पिता की अशिक्षा, असुरक्षा, लिगभेद और गरीबी के कारण कम उम्र में विवाह करने की प्रथा है। इसी प्रथा को खत्म करने का प्रयास प्रधानाध्यापिका छाया प्रकाश कर रही हैं। महिलाओं को उनके हक के बारे में जागरूक कर रही हैं। विद्यालय में गठित माता समूह की महिलाओं के साथ प्रत्येक सप्ताह बैठक करके उन्हें आत्मनिर्भर एवं बेहतर मातृत्व की जानकारी देती हैं। बेटियों को स्वयं से बेहतर भविष्य देकर सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने को प्रेरित करती हैं। यही नहीं गांव का भ्रमण कर किशोरियों एवं महिलाओं को कानूनी जानकारी देती हैं। साथ ही महिला हेल्पलाइन, बालिका सुरक्षा हेल्पलाइन, घरेलू हिसा से निपटने के लिए जागरूक करती हैं।