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अकीदत के साथ उठाया दारानगर में चेहल्लुम का जुलूस

दारानगर गांव में गुरुवार को अंजुमन मुखतरिया अहले सुन्नत की जानिब से अंजुमन असदिया सय्यदवाड़ा के संरक्षण में जुलूस निकाला गया। इससे पहले अंसार अहमद उर्फ छोटकउ के अ•ाखाने में एक मजलिस को खिताब फरमाया। अंजुमन असदिया दारानगर ने जुलूस को बरामद किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 10:56 PM (IST)
अकीदत के साथ उठाया दारानगर में चेहल्लुम का जुलूस
अकीदत के साथ उठाया दारानगर में चेहल्लुम का जुलूस

संसू, सिराथू : दारानगर गांव में गुरुवार को अंजुमन मुखतरिया अहले सुन्नत की जानिब से अंजुमन असदिया सय्यदवाड़ा के संरक्षण में जुलूस निकाला गया। इससे पहले अंसार अहमद उर्फ छोटकउ के अ•ाखाने में एक मजलिस को खिताब फरमाया। अंजुमन असदिया दारानगर ने जुलूस को बरामद किया।

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जुलूस अपने कदमी रास्तों से होता हुआ सय्यदवाड़ा दारानगर की ओर बढ़ा। जुलूस में बाहरी अंजुमनों ने भी हिस्सा लिया जिसमे अंजुमन रायबरेली व अंजुमन अब्बासिया न•ारगंज बड़ागांव ने अपने म़खसूस अंदा•ा में नौहाख्वानी और सीनाजनी पेश की अंजुमन अब्बासिया के नौहाख्वांन जनाब उस्मान साहब ने नौहे पेश किए। अंजुमन असदिया दारानगर ने जंजीर और कमे का मातम दारानगर चौराहे पर किया। इस मौके पर आफाक परवे•ा, ़गुलाम अब्बास, बाकर रि•ावी ने नौहाख्वानी की फिर अंजुमन असदिया के सदर जनाब असद स़गीर साहब ने त़करीर पेश की। उन्होंने बताया इमाम हुसैन ने इंसानियत के खातिर अपनी कुर्बानी पेश की इस्लाम धर्म शांति और भाईचारे पर विश्वास करता है। इमाम हुसैन को य•ाीदी फौज ने तीन दिन का भूखा प्यास शहीद कर दिया था। इराक जहां इमाम हुसैन शहीद हुए चेहलुम के दिन छह करोड़ से अधिक लोग इकठ्ठा होते हैं जो बताते हैं कि सत्य सदैव जीता है। सय्यदवाड़ा दारानगर पहुच कर अंजुमन असदिया के साहिबे ब्या•ा जनाब बाकर रि•ावी साहब ने अल्वेदाई नौहा पड़ा।


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