सीबीआइ ने सरसवां के एबीएसए को किया तलब
जासं कौशांबी फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। इस बार सीबीआइ के रडार पर एबीएसए सरसवां आए हैं। सीबीआइ ने एक शिक्षक की डिग्रियों की जांच के लिए एबीएसए सरसवां को तलब कर पूछताछ की है। शिक्षकों के मूल अभिलेखों की जांच की है। फर्जी शिक्षक प्रकरण में बीएसए कार्यालय की भूमिका को भी संदिग्ध मानते हुए सीबीआइ जांच रही है।
जासं, कौशांबी : फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। इस बार सीबीआइ के रडार पर एबीएसए सरसवां आए हैं। सीबीआइ ने एक शिक्षक की डिग्रियों की जांच के लिए एबीएसए सरसवां को तलब कर पूछताछ की है। शिक्षकों के मूल अभिलेखों की जांच की है। फर्जी शिक्षक प्रकरण में बीएसए कार्यालय की भूमिका को भी संदिग्ध मानते हुए सीबीआइ जांच रही है।
प्रयागराज के सोरांव निवासी राम कैलाश ने वर्ष 2009 संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री लगाकर नौकरी पाई थी। सरसवां के प्राथमिक विद्यालय शिवरा में पहली तैनाती के बाद राम कैलाश का वर्ष 2014-15 में प्रमोशन हुआ। प्रधानाध्यापक के पद पर मंझनपुर के छोकरियन का पुरवा स्थित प्राथमिक विद्यालय में राम कैलाश ने ज्वाइन किया। उनने बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी से मिलकर अपनी डिग्री भी बदल डाली। इस बार उन्होंने भोपाल मंडल बोर्ड की डिग्री लगाकर नौकरी शुरू कर दी। इसी दौरान भोपाल मंडल बोर्ड की डिग्रियों की जांच सीबीआइ ने शुरू कर दी। प्रदेश के हर जिले से भोपाल मंडल बोर्ड की डिग्री पर नौकरी करने वालों की जानकारी सीबीआइ ने मांगी तो यहां से राम कैलाश का नाम अधिकारियों ने भेज दिया। अब इसको लेकर सीबीआइ यहां के अधिकारियों को बुलाकर समय-समय पर जांच कर रही है। पोल खुलने के बाद से फरार हैं राम कैलाश
सीबीआइ ने राम कैलाश की डिग्री को लेकर जांच शुरू की तो पकड़े जाने के डर से वे फरार हो गए। माना जा रहा है कि वह इन दिनों मुंबई में अपने साथी बजरंगी के साथ हैं। फरार होने से पूर्व बेसिक शिक्षा विभाग में इस्तीफा भी भेजा था जिसे अब तक स्वीकार नहीं किया गया। नियुक्त के दौरान एबीएसए से भी हुई पूछताछ
राम कैलाश ने वर्ष 2009 में शिक्षक पद की नौकरी पाई थी। सीबीआइ ने करीब छह माह पहले तत्कालीन एबीएसए रतनकांत के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात लिपिक मोहम्मद नाजिम को बुलाकर पूछताछ की थी। उन्होंने इस पूछताछ को सामान्य प्रक्रिया बताया था।
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बीएसए कार्यालय तक आएगी आंच
दस्तावेज बदलने का कार्य बिना विभागीय कर्मचारी की मिलीभगत से संभव नहीं है। ऐसे में दस्तावेज बदलने वाले कर्मचारी की भी सीबीआइ खोजबीन करेगी। ऐसे में बीएसए कार्यालय सीबीआइ की जांच की आंच से नहीं बच सकता है। बजरंगी भी है शामिल
राम कैलाश की डिग्री को बदलने के मामले में सोराव निवासी शिक्षा माफिया बजरंगी भी शामिल है। बजरंगी फर्जी डिग्री पर नौकरी करने के मामले में 2011 से निलंबित चल रहा है लेकिन अब तक उसपर विभाग की ओर एफआइआर दर्ज नहीं कराई गई है। कौशांबी में ही नौकरी के नाम पर करीब तीन करोड़ ठगे हैं। इसके बाद से ही वह फरार हो गया है। - राम कैलाश जब नौकरी कर रहा था तब मेरी तैनाती सरसवां में नहीं थी। इन दिनों मैं सरसवां में हूं, ऐसे में उससे जुड़े दस्तावेजों के साथ सीबीआइ ने बुलाया था। उनके पहले और बाद में प्रयोग किए गए दोनों दस्तावेज सीबीआइ को दिए हैं। अब वे अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है।
- मिथलेश कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी सरसवां।