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सवा पांच करोड़ से बनीं चहारदीवारी की ईटें व गेट गायब

वर्षा जल संचय के लिए जनपद की ग्राम पंचायतों में नौ वर्ष पहले सवा पांच करोड़ की लागत से ग्राम पंचायतों में बनाए गए अधिकतर आदर्श तालाब देखरेख के अभाव में बदहाल हो गए हैं। तालाब की चहारदीवारी की ईट व गेट तक गायब हो गए हैं। मुख्य विकास अधिकार ने बताया कि रिपोर्ट मांगी गई है उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 10:39 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 10:39 PM (IST)
सवा पांच करोड़ से बनीं चहारदीवारी की ईटें व गेट गायब
सवा पांच करोड़ से बनीं चहारदीवारी की ईटें व गेट गायब

जासं, कौशांबी : वर्षा जल संचय के लिए जनपद की ग्राम पंचायतों में नौ वर्ष पहले सवा पांच करोड़ की लागत से ग्राम पंचायतों में बनाए गए अधिकतर आदर्श तालाब देखरेख के अभाव में बदहाल हो गए हैं। तालाब की चहारदीवारी की ईट व गेट तक गायब हो गए हैं। मुख्य विकास अधिकार ने बताया कि रिपोर्ट मांगी गई है उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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भूगर्भ जल स्तर को सुधारने के लिए सरकार प्रयासरत है लेकिन वर्षा के जल का संचय नहीं होने से शासन की मंशा पर पानी भी फिर रहा है। प्रशासन के निर्देश पर तालाबों की खुदाई, मेड़बंदी व चेकडेम का निर्माण कराया जा रहा है। इससे पूर्व वर्ष 2010 में जिले की 438 गांवों में आदर्श तालाब बनाया था। खोदाई के बाद चहारदीवारी और गेट लगाए गए। कभी यह तालाब ग्रामीणों के लिए आकर्षण का केंद्र थे, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी से अधिकतर आदर्श तालाब बदहाल हो गई। बदहाल हुए आर्दश तालाब

ग्राम पंचायतों में बनाए गए बदहाल हुए आर्दश तालाबों में विकास खंड मूरतगंज के सैता, विकास खंड नेवादा के पूरे हजारी, सेवथा, तिल्हापुर, चंदूपुर, विकास खंड चायल का फरीदसलेमपुर, निजामपुर कुरौनी, विकास खंड सिराथू का सेहिया, बारातफारिक आदि शामिल हैं। जलसंकट से जूझना पड़ता

गर्मी के दिनों में पानी नहीं रहता है। मवेशियों को पानी के संकट से जूझना पड़ता है। साथ ही अगलगी जैसी घटनाओं में काबू पाना मुश्किल हो रहा है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने प्रधान, सचिव व खंड विकास अधिकारी से की गई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। चोरी की दर्ज नहीं रिपोर्ट

438 गांवों में आदर्श तालाब बनाए थे। चहारदीवारी तोड़कर ईंट गायब कर दी गई। साथ ही लाखों की लागत से लगाए गए गेट भी चोरी हो गए हैं। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने प्रधान व सचिव से की थी। इसके बाद भी चोरी हुए गेट की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई।

आदर्श तालाबों की देखरेख करने की जिम्मेदारी प्रधान व सचिव को दी गई थी। यदि तालाबों का गेट चोरी हुए हैं तो खंड विकास अधिकारी से रिपोर्ट मांगी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।

इंद्रसेन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी।


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