जिले में नाकाफी साबित हो रहा बॉडी वार्न कैमरा
पुलिस की वर्दी पर लग रहे दाग की हकीकत जानने के लिए उपलब्ध कराया गया बॉडी वार्न कैमरा जनपद की पुलिस के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। एक सैकड़ा से अधिक की जरूरत पर महज आठ कैमरा ही दिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने दो माह पहले दोबारा पत्र भेजकर 15 और कैमरे की मांग की है।
कौशांबी : पुलिस की वर्दी पर लग रहे दाग की हकीकत जानने के लिए उपलब्ध कराया गया बॉडी वार्न कैमरा जनपद की पुलिस के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। एक सैकड़ा से अधिक की जरूरत पर महज आठ कैमरा ही दिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने दो माह पहले दोबारा पत्र भेजकर 15 और कैमरे की मांग की है।
जनपद में कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए पुलिस को कई अग्नि परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है। अपराधियों पर शिकंजा कसने और मुकदमों की जांच में आगे कदम बढ़ा रही पुलिस पर अक्सर ऐसे दबाव भी आते रहते हैं जिससे उन्हें दागदार साबित करने का प्रयास किया जाता है। इतना ही नहीं, वाहनों की चेकिग से लेकर किसी अभियुक्त के घर में छापामारी के दौरान भी गंभीर आरोप लगाए जाते हैं। जनता व पुलिस के बीच संबंधों की सच्चाई जानने के उद्देश्य से शासन स्तर पर बॉडी वार्न कैमरा प्रयोग के लिए पुलिसकर्मियों को आदेश दिया गया। जिले में भी बॉडी वार्न कैमरा मिले तो हैं, लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहे हैं। अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर के मुताबिक तीनों सर्किल के सीओ को एक-एक कैमरा के अलावा सैनी, कड़ा, कोखराज, मंझनपुर व ट्रैफिक पुलिस को एक-एक कैमरा दिया गया है। इतनी कम संख्या में कैमरा होने के कारण इसका सही जगह पर उपयोग नहीं हो पा रहा है। अक्सर देखा जा रहा है कि वाहन चेकिग के दौरान या फिर दबिश के समय पुलिस के पास बॉडी वार्न कैमरा नहीं रहता। नतीजतन आला अफसरों के यहां फरियादी तमाम ऐसे शिकायतें लेकर पहुंचते हैं, जिसमें पुलिस पर भी आरोप लगाए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर चरवा थाना क्षेत्र में नोटिस तामील कराने गई पुलिस पर परिवार के लोगों ने मारपीट का आरोप लगाया। कड़ाधाम पुलिस की टीम पर दबिश के दौरान हमला जैसे तमाम मामले बॉडी वार्न कैमरे की जरूरत का एहसास कराते हैं। पुलिस पर लगने वाले गंभीर आरोपों की सच्चाई जानने के लिए बॉडी वार्न कैमरा का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। काफी कम संख्या में यह कैमरे जिले को मिले हैं। दो माह पहले पुलिस अधीक्षक की ओर से शासन को पत्र भेजकर कम से कम 15 कैमरे की डिमांड की गई है। नए कैमरे मिलने के बाद कुछ सहूलियत हो जाएगी और जरूरत के हिसाब से मांग की जाती रहेगी।
- समर बहादुर, अपर पुलिस अधीक्षक।