देहदानी की अंतिम विदाई में गमगीन हुआ भरवारी
कहते हैं कि जीवित रहते हुए तो हर व्यक्ति एक-दूसरे का सहयोग करता है अगर मृत्यु होने के बाद यदि उसका शरीर का कोई अंग किसी के काम आ जाए तो मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी बात से प्रेरणा लेकर बद्री प्रसाद केसरवानी ने दो साल पहले अपना शरीर मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया था। गुरुवार को जब उनका निधन हो गया तो स्वजनों ने उनकी इच्छा के अनुसार शुक्रवार को उनका मृत शरीर चिकित्सकों को सौंप दिया। जन प्रतिनिधि व कस्बे के लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी।
भरवारी : कहते हैं कि जीवित रहते हुए तो हर व्यक्ति एक-दूसरे का सहयोग करता है, अगर मृत्यु होने के बाद यदि उसका शरीर का कोई अंग किसी के काम आ जाए तो मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी बात से प्रेरणा लेकर बद्री प्रसाद केसरवानी ने दो साल पहले अपना शरीर मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया था। गुरुवार को जब उनका निधन हो गया तो स्वजनों ने उनकी इच्छा के अनुसार शुक्रवार को उनका मृत शरीर चिकित्सकों को सौंप दिया। जन प्रतिनिधि व कस्बे के लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी।
नगर पालिका परिषद भरवारी के पुरानी बाजार निवासी देहदानी वयोवृद्ध बद्री प्रसाद केसरवानी का 98 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। इसकी जानकारी स्वजन ने मेडिकल कालेज के प्राचार्य को दी और मृत शरीर को लेने के लिए डॉक्टरों की टीम पहुंची। शुक्रवार को सुबह बैंड बाजे के साथ चायल विधायक संजय गुप्ता, चायल एसडीएम चायल ज्योति मौर्या व क्षेत्राधिकारी सिराथू राम वीर सिंह की उपस्थिति में भरवारी कस्बे में स्व. बद्री प्रसाद केसरवानी की शोभा यात्रा निकाली गई। इस दौरान कस्बे के लोगों गमगीन रहे। स्वजनों ने मोती लाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रयागराज से आए डॉक्टर एके सिंह को मृत शरीर को सौंपा। स्व. बद्री प्रसाद नगर पंचायत भरवारी के सभासद भी रहे तथा वर्तमान समय में हुबलाल संस्कृत महाविद्यालय भरवारी के चेयरमैन भी रहे। दस वर्ष पूर्व इनकी पत्नी का देहावसान हुआ था। इनके तीन पुत्रों में राधा कृष्ण कोऑपरेटिव बैंक से सेवा निवृत्त होने के बाद वर्तमान समय में किसान सेवा सहकारी समिति भरवारी के अध्यक्ष हैं और बेटे बाल कृष्ण व श्री कृष्ण व्यापार से जुड़े हैं।
देहदान करने वाले तीसरे व्यक्ति थे बद्री प्रसाद
भरवारी के देहदान करने वाले तीसरे व्यक्ति थे। इनके पहले नया बाजार भरवारी निवासी स्व. रमा शंकर केसरवानी ने देहदान किया था। उनके निधन पर अगस्त 2012 को उनके शरीर को चिकित्सकों की टीम ले गई थी। इसी प्रकार गौरा निवासी स्व. राजेंद्र प्रसाद साहू ने देहदान किया था। मृत्योपरांत 2014 में उनके परिजनों ने मोती लाल नेहरू मेडिकल कालेज के डॉक्टर को सौंपा था।
देहदानी का होगा सम्मान
अंतिम शोभायात्रा में मौजूद चायल विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि नगर पालिका परिषद गठन के बाद पूर्व देहदानी स्व. रमा शंकर केसरवानी व स्व. राजेंद्र प्रसाद साहू के नाम वार्ड का नाम रखा गया है। वर्तमान देहदानी बद्री प्रसाद केसरवानी के नाम भी कोई न कोई परियोजना नामित होगी।