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बीडीसी प्रत्याशी ने उठाई दोबारा मतगणना की मांग

जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं। इसके बाद अब परिणामों को लेकर गड़बड़ी किए जाने का आरोप खत्म नहीं हो रहा। कड़ा विकास खंड के मीरापुर मजरा शहजादपुर निवासी गुडिया देवी पत्नी शिवबरन ने डीएम को लिखे शिकायती पत्र में बताया कि मतगणना के दौरान उसे 231 मत मिलने की बात कही गई थी। जबकि दूसरे नंबर पर रही प्रत्याशी को उनसे कम मत मिले थे। कर्मचारियों से मिलकर दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी ने खुद को विजेता घोषित कर कर प्रमाण पत्र ले लिया। गुडिया ने डीएम से दोबारा मतगणना कराए जाने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 11:06 PM (IST)
बीडीसी प्रत्याशी ने उठाई दोबारा मतगणना की मांग
बीडीसी प्रत्याशी ने उठाई दोबारा मतगणना की मांग

जासं, कौशांबी : जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं। इसके बाद अब परिणामों को लेकर गड़बड़ी किए जाने का आरोप खत्म नहीं हो रहा। कड़ा विकास खंड के मीरापुर मजरा शहजादपुर निवासी गुडिया देवी पत्नी शिवबरन ने डीएम को लिखे शिकायती पत्र में बताया कि मतगणना के दौरान उसे 231 मत मिलने की बात कही गई थी। जबकि दूसरे नंबर पर रही प्रत्याशी को उनसे कम मत मिले थे। कर्मचारियों से मिलकर दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी ने खुद को विजेता घोषित कर कर प्रमाण पत्र ले लिया। गुडिया ने डीएम से दोबारा मतगणना कराए जाने की मांग की है।

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वहीं दूसरी ओर शहजादपुर निवासी केशलाल पुत्र परभु ने डीएम को लिखे पत्र में बताया कि वह ग्राम पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी थे। मतगणना के दौरान उनको 165 मत मिले थे। प्रमाण पत्र ब्लाक से मिलने की बात कहते हुए उन्हें वापस कर दिया गया। आरोप है कि कर्मचारियों ने दूसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी को विजेता बना दिया। इसके पीछे तर्क दिया गया कि दोबारा मतगणना हुई है। जब कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दी गई।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाने का आरोप

संसू, कसेंदा : चायल तहसील के नूरपुर हाजीपुर गांव निवासी शनि पाल सहित ग्रामीणों ने तहसीलदार चायल को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि उनके गांव में इस बार ग्राम प्रधान की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। गांव की महिला सरिता देवी ने फर्जी तरीके से अपनी जाति लोहार दिखाकर गलत तरीके से अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। अब वह गांव की प्रधान भी बन गई है। आरोप है कि निर्वाचित महिला ग्राम प्रधान ने गलत तरीके से जाति प्रमाण हासिल कर चुनाव में भाग लिया है। गांव के लोगों ने जांच कराकर ग्राम प्रधान के चुनाव को निरस्त कराने की मांग की है।


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