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धमावां के गोशाला में एक और गोवंश की मौत

सिराथू तहसील क्षेत्र के रामपुर धमावां का मजरा रामरतन का पूरा गांव में बनी गोशाला में शुक्रवार की सुबह एक और गोवंश ने दम तोड़ दिया है। इतना ही नहीं इसके पहले भी माह भर के भीतर दर्जन भर मवेशियों की मौत गोशाला में हो चुकी है। विभागीय अनदेखी के चलते लगातार हो रहे बेजुबानों की मौत से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 10:16 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 10:16 PM (IST)
धमावां के गोशाला में एक और गोवंश की मौत
धमावां के गोशाला में एक और गोवंश की मौत

सिराथू : सिराथू तहसील क्षेत्र के रामपुर धमावां का मजरा रामरतन का पूरा गांव में बनी गोशाला में शुक्रवार की सुबह एक और गोवंश ने दम तोड़ दिया है। इतना ही नहीं, इसके पहले भी माह भर के भीतर दर्जन भर मवेशियों की मौत गोशाला में हो चुकी है। विभागीय अनदेखी के चलते लगातार हो रहे बेजुबानों की मौत से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

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शासन की ओर से गोवंश को संरक्षित करने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। गांव-गांव गोशाला बनवाते हुए बेसहारा मवेशियों को वहां पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा उनके आहार की व्यवस्था के लिए ग्रामप्रधान व सचिव को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बावजूद आए दिन विभिन्न कारणों से गोवंश की मौत का मामला जनपद में आम होता जा रहा है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को रामपुर धमावां का मजरा रामरतन का पूरा स्थित गोशाला में देखने को मिला। शारीरिक रूप से जर्जर गोवंश ने सुबह दम तोड़ दिया। इस गोशाला में 80 गोवंश संरक्षित किए गए थे। माह भर के भीतर दर्जन भर मवेशियों की मौत हो चुकी है। मौके पर पहुंचे वाले पशु विभाग के अफसरों को गोशाला के जिम्मेदार जाने क्या घुट्टी पिलाते हैं कि इस गंभीर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। जबकि सप्ताह भर पहले सिराथू ब्लॉक की बीडीओ श्वेता सिंह व मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बीपी पाठक ने औचक निरीक्षण किया तो ग्रामीणों ने बताया कि कई दिनों से मवेशियों के लिए चारा नहीं है। इस पर अफसरों ने सचिव मनोज कुमार को फटकार लगाई तो तत्काल चारे की व्यवस्था कराई गई। बहरहाल ग्रामीणों के मुताबिक यदि मामले की गंभीरता से जांच कराई जाए तो गोवंश के भूख-प्यास से मौत का मामला उजागर हो सकता है। क्या कहते हैं ग्रामीण

गोशाला में शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप मवेशियों को भूसा व दाना नहीं मिल रहा है। इसके चलते पशु दम तोड़ रहे हैं। सचिव से कई बार इस बारे में कहा गया लेकिन मवेशियों को आहार देने में अक्सर लापरवाही बरती जा रही है।

- शिवपूजन निषाद। माह भर में कर्मचारियों के चलते गोशाला की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन मामले में लीपापोती कर दी जाती है। नतीजतन मवेशियों की मौत गोशाला में होना लाजमी है।

- प्रदीप कुमार। गोवंश को ठंड से बचाने के लिए गोशाला में अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। भूसा व दाना देने में भी लापरवाही बरती जा रही है। यही वजह है कि लगातार गोवंश की मौत हो रही है।

- शंकरलाल यादव। गोशाला के नाम पर लाखों रुपये निकालकर विभागीय कर्मचारियों द्वारा बंदरबाट किया जा रहा है। यदि मामले की जांच कराई जाए तो परत दर परत काला कारनामा उजागर हो जाएगा।

- विष्णु। शुक्रवार को गोशाला में गोवंश की मौत का मामला पता चला है। सप्ताह भर पहले निरीक्षण के दौरान सचिव की लापरवाही भी पाई गई थी। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी गई है। आला अफसरों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।

- बीपी पाठक, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।


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