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.. और यदि जल है तो कल है

नेवादा ब्लाक यमुना नदी के किनारे स्थित है। यमुना में पूरे साल पानी रहता है लेकिन इसके बाद भी यहां पानी का प्रयोग इतना अधिक होता है कि नेवादा को डार्क जोन घोषित किया गया है। सरकारी गहरी बोरिग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बाद भी लोग निजी बोरिग कर पानी का दोहन कर रहे हैं। खेती के लिहाज से नहरों पर निर्भरता कम होने से अधिकांश भूमि की सिचाई नलकूप के माध्यम से होती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 11:12 PM (IST)
.. और यदि जल है तो कल है
.. और यदि जल है तो कल है

कौशांबी : नेवादा ब्लाक यमुना नदी के किनारे स्थित है। यमुना में पूरे साल पानी रहता है, लेकिन इसके बाद भी यहां पानी का प्रयोग इतना अधिक होता है कि नेवादा को डार्क जोन घोषित किया गया है। सरकारी गहरी बोरिग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बाद भी लोग निजी बोरिग कर पानी का दोहन कर रहे हैं। खेती के लिहाज से नहरों पर निर्भरता कम होने से अधिकांश भूमि की सिचाई नलकूप के माध्यम से होती है।

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यमुना के तराई में बसे नेवादा ब्लाक में 74 ग्राम पंचायतें हैं। इन गांव में 296 तालाब हैं। जल संरक्षण अभियान के तहत मनरेगा से 115 गांव के तालाबों की खोदाई कराई जा चुकी है। इसके साथ ही क्षेत्र के करीब 84 तालाबों को मत्स्य विभाग की ओर से पट्टे कर दिया गया है। इन तालाबों में मत्स्य पालन होता है। मत्स्य पालन के कारण पट्टे धारक पूरे साल इन तालाबों में पानी भरे रहता है। इसके कारण यह तालाब पशु पक्षियों के साथ ही आम लोगों के लिए सदैव तैयार रहते हैं। शेष बचे 181 तालाबों की खोदाई प्रस्तावित है। जल संरक्षण के लिए क्षेत्र के 222 हैंडपंपों में सोख्ता पिट का निर्माण कराया गया है। 27 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सोख्ता पिट का निर्माण किया जा चुका है। इसके साथ ही अन्य विद्यालयों में सोख्ता गड्ढा का निर्माण प्रस्तावित है। निमहरा तालाब में मत्स्य पालन होता है। गांव के सुरेश कुमार इसकी देखरेख करते हैं। उनके प्रयास से तालाब में हमेशा पानी भरा रहता है। जिसके कारण यहां पशु पक्षियों के लिए हमेशा पानी बना रहता है।

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जल ही जीवन है। पानी की एक एक बूंद महत्वपूर्ण है। बेहतर भविष्य के लिए बारिश के बूंद-बूंद पानी को बचाना होगा। सभी को पानी की कीमत को समझते हुए इसे सहेजना पड़ेगा।

- राहुल मिश्र, एपीओ नेवादा

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जल संरक्षण के लिए स्प्रिंकल का प्रयोग सिचाई के लिए करना चाहिए। इससे बहुत अधिक मात्रा में पानी की बचत होगी। यह बचत ही हमारे भविष्य के लिए बेहतर प्रयास है।

अभिषेक सिंह, समाज सेवी

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जब से घर- घर सबमर्सिबल हो गया हैं, लोग पानी अधिक बरबाद करने लगे हैं। उनको अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। तभी पानी को बचाया जा सकता है। हम सब को जल संरक्षण के लिए आगे आना होगा।

- राजेश कुमार, ग्रामीण

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यदि समय पर लोग नहीं समझे तो वे दिन दूर नहीं जब लोगों को जल संकट से जुझना पड़ेगा, हमारा ब्लाक डार्क जोन है। यहां का घटता जल स्तर चिता का विषय है।

- सोहन यादव, ग्रामीण


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