आठवां कौशांबी लोकरंग महोत्सव
सरायअकिल के फकीराबाद स्थित मिलन पेलस में सर्व लोक कल्याण स्वैच्छिक संस्था का आठवां कौशांबी लोकरंग महोत्सव का आयोजन हो रहा है। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विलुप्त हो रही कला विधाओं को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन लोग विधाओं से जुड़े कार्यक्रम का मंचन किया गया।
जासं, कौशांबी : सरायअकिल के फकीराबाद स्थित मिलन पेलस में सर्व लोक कल्याण स्वैच्छिक संस्था का आठवां कौशांबी लोकरंग महोत्सव का आयोजन हो रहा है। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विलुप्त हो रही कला विधाओं को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन लोग विधाओं से जुड़े कार्यक्रम का मंचन किया गया।
प्रयागराज के वरिष्ठ रंगकर्मी व निर्देशक आजामिल ने दीप जलाकर दूसरे दिन के कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि कला व कलाकार किसी देश की पहचान होते हैं। उनकी विधाएं देश की विरासत होती है जिसे वह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक हस्तांतरित करने का माध्यम होता है। वर्तमान में हमारे बीच रही विधाओं को हम सहेज नहीं पाए। इसके पीछे कई कारण हैं लेकिन अब विधाओं को बचाने का प्रयास हो रहा है। संस्था की यह पहल एक नए अंदाज में अब लोगों के सामने है। उन्होने संस्था के सचिव तेजेंद्र सिंह प्रयागी के इस प्रयास की सराहना की। इसके बाद प्रथम प्रस्तुति सरस्वती लोक संगीत समिति फतेहपुर की लोकगीत बिरहा गाय का काजल रहा। गायक जयकरण जिद्दी की कर्णप्रिय लोकगीतों ने दर्शकों में समा बांध दिया। प्रसिद्ध गायक देशराज पटेरिया ने अपने सुंदर अंदाज में लोकगीत प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दूसरी प्रस्तुति सर्वस्व लोक कल्याण स्वैच्छिक संस्था की ओर से लोक नृत्य नाट्य नौटंकी ध्रुव चरित्र रही। नौटंकी को दर्शकों ने खूब सराहा। कलाकार भयंकर सिंह, जगन्नाथ परमा, बलेंद्र, छोटू, शिवाकांत, हरि, पितई लाल व गोलू ने अपने अभिनय से न्याय किया। नक्कारे पर रजन, ढोलक पर दिलीप तथा हारमोनियम पर गया प्रसाद ने समा बांध दिया। कार्यक्रम के अंत में संस्था के सचिव तेजेंद्र सिंह प्रयागी ने दर्शकों का आभार व्यक्त करते हुए लोकगीत व लोक नृत्य विधाओं को संरक्षित रखने की जनमानस से गुहार लगाई। कार्यक्रम में मंच संचालन कौशिक भट्टाचार्य, प्रकाश संचालन सुबोध सिंह व प्रस्तुति नियंत्रक जगदीश गौड़ ने किया। रामेश्वर सिंह, ज्ञान सिंह, मिलनानंद महाराज, नीरज अग्रहरि व निखिल प्रकाश ने कार्यक्रम को सफल बनाने सहयोग दिया।