57 गांव के 52 तालाब जल संरक्षण के लिए तैयार
गंगा किनारे बसा कड़ा ब्लाक डार्क जोन में शामिल है। भूगर्भ जल स्तर गिरने की वजह से केंद्र सरकार ने वर्ष 2010 में इस विकास खंड को डार्कजोन घोषित किया था। यहां पर हो हो रहे पानी के संकट को दूर करने के लिए बारिश के बूंद-बूंद पानी का संरक्षण किया जाएगा। मनरेगा से तालाब खोदाई का लक्ष्य है। ब्लाक के 57 गांव में 52 तालाब खोदने थे। इनमें चार की खुदाई करने के बाद गांव का पानी भी पहुंच गया है। अन्य तालाबों में वर्षा जल संचय होना है। खोदाई कार्य अंतिम चरण में है। खंड विकास अधिकारी ने सभी तालाबों को निरीक्षण किया जाने का निर्देश सचिवों को दिया है। साथ ही कहा है कि बारिश का पानी तालाब में जा रहा है कि नहीं इसकी निगरानी जरूर करें।
संवाद सूत्र, देवीगंज : गंगा किनारे बसा कड़ा ब्लाक डार्क जोन में शामिल है। भूगर्भ जल स्तर गिरने की वजह से केंद्र सरकार ने वर्ष 2010 में इस विकास खंड को डार्कजोन घोषित किया था। यहां पर हो हो रहे पानी के संकट को दूर करने के लिए बारिश के बूंद-बूंद पानी का संरक्षण किया जाएगा। मनरेगा से तालाब खोदाई का लक्ष्य है। ब्लाक के 57 गांव में 52 तालाब खोदने थे। इनमें चार की खुदाई करने के बाद गांव का पानी भी पहुंच गया है। अन्य तालाबों में वर्षा जल संचय होना है। खोदाई कार्य अंतिम चरण में है। खंड विकास अधिकारी ने सभी तालाबों को निरीक्षण किया जाने का निर्देश सचिवों को दिया है। साथ ही कहा है कि बारिश का पानी तालाब में जा रहा है कि नहीं इसकी निगरानी जरूर करें।
कड़ा में गर्मी के दिनों में पानी का संकट गहरा जाता है। लोगों को बूंद बूंद पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। इस प्रकार का संकट हमेशा न बना रहे। लोगों को अपनी जरूरत के अनुसार पानी मिलता रहे। इसके लिए यहां जल संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है। गर्मी के दिनों में ब्लाक की ओर से जल संरक्षण के लिए तालाब खुदाई की योजना बनाई गई। खंड विकास अधिकारी स्वेता सिंह ने बताया कि हर गांव में तालाबों को लेकर विशेष अभियान चलाया गया था। जो भी तालाब खोदे गए हैं। उनमें बारिश का पानी पहुंचे। सभी गांव के सचिवों को निर्देश दिया है कि तालाबों के साथ ही पूर्व में बने तालाबों की जांच करें। वहां बारिश का पानी पहुंच रहा है या नहीं इसकी जानकारी जरूर रखें। यदि किसी तालाब में बारिश के पानी को पहुंचने में बाधा है तो उसे दूर करें। जिससे जल संरक्षण को लेकर ब्लाक क्षेत्र में बेहतर काम हो सके।