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जिले में 39 गोशालाएं, फिर भी बेसहारा घूम रहे मवेशी

बेसहारा मवेशियों के संरक्षण के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए जनपद में 39 गोशालाएं बनाई गई हैं। जिले में मवेशियों की संख्या अधिक होने की वजह से सैकड़ों मवेशी अब भी बेसहारा घूम रहे हैं। बेसहारा मवेशी किसानों की फसल चट कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:31 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 05:13 AM (IST)
जिले में 39 गोशालाएं, फिर भी बेसहारा घूम रहे मवेशी
जिले में 39 गोशालाएं, फिर भी बेसहारा घूम रहे मवेशी

कौशांबी : बेसहारा मवेशियों के संरक्षण के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए जनपद में 39 गोशालाएं बनाई गई हैं। जिले में मवेशियों की संख्या अधिक होने की वजह से सैकड़ों मवेशी अब भी बेसहारा घूम रहे हैं। बेसहारा मवेशी किसानों की फसल चट कर रहे हैं। इनका झुंड किसानों की गाढ़ी कमाई को चट करते व पैरों तले रौंदते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। इसको लेकर किसान परेशान हैं। शिकायत के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।

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अभी तक नीलगाय किसानों के लिए आफत बनी थी। योगी सरकार में स्लाटर हाउस पर रोक लगने से बेसहारा मवेशियों की संख्या बढ़ गई है। मवेशियों का सबसे अधिक आतंक यमुना के तराई क्षेत्र मंझनपुर तहसील क्षेत्र के महेवा, कटरी, उमरावां, डढ़ावल, भखंदा, देवरी आदि गांवों में मवेशियों का झुंड रबी की फसल को बर्बाद कर रहा है। मवेशियों के इधर-उधर घूमने की वजह से सड़क पर आए दिन मवेशियों के कारण दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। शिकायत के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है। उमरावां के दीपक, अनिल कुमार, अशोक कुमार आदि ने बताया की पहले नीलगायों के उत्पात से किसान मुसीबत में थे। अब लोग बछड़े, सांड़ व गाय को भी बेसहारा छोड़ दे रहे हैं। जो पल भर में किसानों की मिर्च, टमाटर, बैंगन, पालक, बाजरा, धान आदि की फसल नष्ट कर रहे हैं। दिन-रात रखवाली करने के बाद भी फसल नहीं बचती है।


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