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वायरस से बचाने को 3427 को लगाई गई कोविड वैक्सीन

कोरोना वायरस को हराने के लिए शासन द्वारा कोविड-19 के लिए जारी की गई गाइड लाइन के मुताबिक सोमवार को जिला अस्पताल समेत 16 अस्पतालों में कैंप लगाकर बुजुर्गों व गंभीर बीमारी से पीड़ितों को कोविड वैक्सीन लगाई गई। छह हजार को टीका लगाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके सापेक्ष 3427 लोगों का टीकाकरण किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 10:12 PM (IST)
वायरस से बचाने को 3427 को लगाई गई कोविड वैक्सीन
वायरस से बचाने को 3427 को लगाई गई कोविड वैक्सीन

जासं, कौशांबी : कोरोना वायरस को हराने के लिए शासन द्वारा कोविड-19 के लिए जारी की गई गाइड लाइन के मुताबिक सोमवार को जिला अस्पताल समेत 16 अस्पतालों में कैंप लगाकर बुजुर्गों व गंभीर बीमारी से पीड़ितों को कोविड वैक्सीन लगाई गई। छह हजार को टीका लगाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके सापेक्ष 3427 लोगों का टीकाकरण किया गया।

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दूसरे प्रदेशों में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके मद्देनजर लोगों को कोरोना से बचाने के लिए शासन की ओर से जारी की गई गाइड लाइन के मुताबिक इन दिनों विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व न्यू पीएचसी में कोविड वैक्सीनेशन के लिए कैंप का आयोजन किया गया। अपर सीएमओ डॉ. एचपी मणि ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक आयु व 45 से 59 वर्ष के गंभीर बीमारी से पीड़ित 6000 लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 3427 को कोविड वैक्सीन लगाई गई। इसके अलावा लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखने व मास्क का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। मृदा उर्वरा शक्ति बढ़ाने को हरी खाद का करें प्रयोग : डा. मनोज

संसू, टेढ़ीमोड़ : विकास खंड सिराथू के कादीपुर गांव में सोमवार को मृदा वैज्ञानिक ने सब्जियों की खेती में मृदा नमी संरक्षण की जानकारी दी।

कृषि वैज्ञानिक डा. मनोज सिंह ने बताया कि इन दिनों खेती में नित्य नए प्रयोग हो रहे हैं। जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। लगातार उर्वरकों के प्रयोग से खेत की गुणवत्ता प्रभावित होती जा रही है। इसको हरी खाद के प्रयोग से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आज के दौर में मल्चिग का प्रयोग कर सब्जियों की कई किस्में सफलतापूर्वक उगाई जा सकती हैं। मृदा एवं जल संरक्षण, उन्नत उपज व गुणवत्ता, खरपतवार वृद्धि को रोकने के अतिरिक्त, मल्चेज प्रयुक्त उर्वरक पोषक तत्वों की प्रयोग से गुणवत्ता में सुधार कर सकते है। मल्चेज के प्रयोग से वायरस रोगों से बचाव भी किया जा सकता है। उन्होंने उर्वरक व हरी खाद के प्रयोग की उपयोगिता से जुड़ी जानकारी दी। साथ ही माटी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ ही साथ जल धारण क्षमता को भी बढ़ाने से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को भी अपनाने की सलाह दी। इस अवसर पर किसान राम अभिलाष मौर्य, सूरजबली मौर्य, सुरेंद्र, यदुराज सिंह आदि मौजूद रहे।


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