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2.96 लाख अवमुक्त, नहीं शुरू हुआ जैव विविधता पार्क का निर्माण

नमामि गंगे योजना के तहत जनपद के ऐतिहासिक अलवारा झील में जैव विविधता पार्क बनाने के लिए पूर्व में वन विभाग द्वारा सरकार को कार्य योजना भेजी गई थी। भेजी गई कार्ययोजना को मंजूरी देते हुए 2.96 लाख रुपये भी अवमुक्त किया गया था। धन अवमुक्त होने के एक वर्ष बाद भी झील परिसर में किसी प्रकार का कार्य शुरू नहीं कराया गया है। इसकी वजह से झील का अस्तित्व खत्म हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 10:44 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 10:44 PM (IST)
2.96 लाख अवमुक्त, नहीं शुरू हुआ जैव विविधता पार्क का निर्माण
2.96 लाख अवमुक्त, नहीं शुरू हुआ जैव विविधता पार्क का निर्माण

कौशांबी : नमामि गंगे योजना के तहत जनपद के ऐतिहासिक अलवारा झील में जैव विविधता पार्क बनाने के लिए पूर्व में वन विभाग द्वारा सरकार को कार्य योजना भेजी गई थी। भेजी गई कार्ययोजना को मंजूरी देते हुए 2.96 लाख रुपये भी अवमुक्त किया गया था। धन अवमुक्त होने के एक वर्ष बाद भी झील परिसर में किसी प्रकार का कार्य शुरू नहीं कराया गया है। इसकी वजह से झील का अस्तित्व खत्म हो रहा है।

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मंझनपुर तहसील क्षेत्र के अलवारा गांव के पास 404.86 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली ऐतिहासिक झील जनपद व गैर जनपद के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा सर्दी के मौसम में साइवेरियन पक्षी एकत्रित होकर इस झील की शोभा बढ़ाते हैं। उक्त झील को विकसित करने के लिए डीएफओ पीके सिन्हा ने डेढ़ वर्ष पूर्व जैव विविधता पार्क बनाने के लिए केंद्र सरकार को कार्ययोजना भेजकर नौ करोड़ रुपये की मांग की थी। भेजी गई कार्ययोजना को स्वीकृति देते हुए 2.96 लाख रुपये भी अवमुक्त किया गया था। धन अवमुक्त होने के एक वर्ष बाद भी झील परिसर में किसी प्रकार का कार्य शुरू नहीं कराया गया है, जबकि कार्ययोजना के मुताबिक जैव विविधता पार्क निर्माण का कार्य 2024 तक पूरा होना है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता की वजह से झील का अस्तित्व खत्म हो रहा है। साथ ही वहां के जंतुओं व पक्षियों में संकट के बादल मंडरा रहा है। दो जोन में बांटा जाएगा जैव विविधता पार्क

वन विभाग द्वारा भेजी गई कार्ययोजना में जैव विविधिता पार्क को मुख्यत: दो जोन में बांटा जाना था। विजिटर्स जोन और नेचर कंजरवेशन में अलग-अलग सुविधाएं होंगी। विजिटर्स जोन में नेचर इंटरप्रीटेशन सेंटर, नेचर ट्रायल्स, वाटर बॉडीज, हर्बल गार्डेन, नर्सरी, सेक्रेड ग्रोव, नक्षत्र वाटिका, पंचवटी, नवग्रह वाटिका, रीक्रिएशनल पार्क, आदि होंगे। पंचवटी वाटिका में बेल, बरगद, आंवला, पीपल और अशोक के पेड़ होंगे। जबकि नक्षत्र वाटिका में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। नमामि गंगे योजना के तहत जनपद के ऐतिहासिक अलवारा झील में जैव विविधता पार्क बनाने के लिए पूर्व में वन विभाग को धन मिला है। काम किस वजह से अब तक नहीं शुरू किया गया है। इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी मंझनपुर से जवाब मांगा जाएगा।

-अमित कुमार सिंह, जिलाधिकारी


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