दो दर्जन गांव के 196 अपात्रों ने योजना के लाभ को किया था आवेदन
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के मुखिया की मृत्यु पर उसके आश्रित को आर्थिक लाभ देने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय परिवार योजना लागू की है।
कौशांबी। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के मुखिया की मृत्यु पर उसके आश्रित को आर्थिक लाभ देने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना लागू की है। इस योजना में जिले में जमकर हेराफेरी की गई है। मंझनपुर के तत्कालीन एसडीएम ने 2019-20 में योजना का लाभ देने के लिए 234 समाज कल्याण विभाग को आनलाइन रिपोर्ट भेजी थी। समाज कल्याण अधिकारी ने पुन: जांच कराने के लिए एसडीएम से कहा तो दोबारा आई जांच रिपोर्ट में 196 लोग अपात्र मिले। उनका आवेदन पत्र निरस्त कर दिया गया है।
गरीब परिवारों की मदद के लिए सरकार ने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना शुरू की है। इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को 30000 रुपये उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इस योजना में जिले में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है। एक वर्ष पूर्व मंझनपुर तहसील के राजस्व कर्मियों द्वारा तहसील क्षेत्र के 24 गांवों के 234 लाभार्थियों का नाम योजना का लाभ देने के लिए चयनित किया गया। राजस्व कर्मियों द्वारा चयनित किए गए लाभार्थियों की सूची भी तत्कालीन एसडीएम राजेश चंद्रा ने समाज कल्याण विभाग को आनलाइन भेज दिया। समाज कल्याण अधिकारी सुधीर कुमार ने चयनित लाभार्थियों की पात्रता की जांच दुबारा कराने के लिए तहसील प्रशासन को पत्र भेजा। एसडीएम ने दोबारा जांच कराई तो 24 गांव के 196 लोग अपात्र मिले। जिन गांवों में अपात्र मिले हैं, उनमें मंझनपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत भखंदा ऊपरहार, छेकवा, कनैली, महंगूपुर, रकसराई, म्योहर, पड़रिया सुकवारा, पंडीरी, सैदनुपर आदि ग्राम पंचायतें शामिल हैं। 43 लोगों पर पूर्व में दर्ज कराया जा चुका है मुकदमा
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का देने में जनपद में जमकर धांधली हुई है। डेढ़ वर्ष पूर्व शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने जांच कराई तो मंझनपुर तहसील क्षेत्र के 43 अपात्रों ने फर्जी अभिलेख लगाकर योजना का लाभ ले लिया था। रिपोर्ट के आधार पर सभी के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया है। जिसके खिलाफ मुकदमा लिखाया गया है। उसमें ग्राम पंचायत हकीमपुर में 13, कायमपुर के 9, ग्राम पंचायत गुलामीपुर में 11 व गुरौली के 10 लोग शामिल हैं।