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फसलों की सिचाई में पानी बचाने को खर्च होंगे 1.93 करोड़

जिले का भूजल स्तर काफी गिर गया है। इसकी वजह से सरकार ने जनपद के छह विकास खंडों को डार्कजोन घोषित कर दिया है। फसलों की सिचाई में हो रहे भूजन दोहन के को रोकने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर विधि से फसलों की सिचाई करने के लिए किसानों को कृषि वैज्ञानिक व उद्यान विभाग किसानों को जागरूक कर रहे हैं। कई किसान तो इस विधि का प्रयोग भी करने लगे हैं। इस वित्तीय वर्ष में जिले के किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत 1.93 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा। किसानों के चयन की प्रक्रिया चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:07 AM (IST)
फसलों की सिचाई में पानी बचाने को खर्च होंगे 1.93 करोड़
फसलों की सिचाई में पानी बचाने को खर्च होंगे 1.93 करोड़

जासं, कौशांबी : जिले का भूजल स्तर काफी गिर गया है। इसकी वजह से सरकार ने जनपद के छह विकास खंडों को डार्कजोन घोषित कर दिया है। फसलों की सिचाई में हो रहे भूजन दोहन के को रोकने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर विधि से फसलों की सिचाई करने के लिए किसानों को कृषि वैज्ञानिक व उद्यान विभाग किसानों को जागरूक कर रहे हैं। कई किसान तो इस विधि का प्रयोग भी करने लगे हैं। इस वित्तीय वर्ष में जिले के किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत 1.93 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा। किसानों के चयन की प्रक्रिया चल रही है।

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प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत जिले को 664 हेक्टेअर भूमि में सिचाई संसाधन विकसित करने का लक्ष्य शासन ने निर्धारित किया है। इसमें 502 हेक्टेयर स्प्रिंकलर व 161 हेक्टेयर में ड्रिप सिस्टम विकसित करना होगा। स्प्रिंकलर ड्रिप सिस्टम विकसित फसलों की सिचाई करने वाले किसानों को 1.93 करोड़ का अनुदान उद्यान विभाग की ओर से दिया जाएगा। कुछ चयन प्रक्रिया तेजी से चल रहा कुछ किसानों का चयन भी कर लिया गया है। जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र रामभाष्कर ने बताया कि ड्रिप एवं स्प्रिंकलर विधि से फसलों की सिचाई करने में पानी की काफी बचत होगी। साथ ही पौधे भी सुरक्षित रहेंगे। कृषि और बागवानी करने वाले किसान इस योजना का लाभ लेकर सिचाई व्यवस्था को आसान कर रहे हैं। कहा कि किसान गन्ना, गेहूं, केला, अमरूद, आम की सिचाई के लिए ड्रिप (टपक) सिचाई का प्रयोग कर सकते हैं। जबकि सब्जी की खेती करने वाले किसान स्प्रिंकलर विधि से सिचाई की इकाई लगवा सकते हैं। ऑनलाइन कराएं रजिस्ट्रेशन

प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर विधि से फसलों की सिचाई करने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र राम भास्कर ने बताया कि योजना का लाभ पाने के लिए किसान सहज जनसेवा केंद्र व विभागीय कार्यालय से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। पात्र किसानों का चयन कर उन्हें योजना का लाभ दिया जाएगा। इतना मिलेगा अनुदान

प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर विधि लगाने के लिए पांच पांच हेक्टेअर तक जमीन वाले किसान पात्र होंगे। जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र राम भास्कर ने बताया कि ड्रिप लगाने के लिए चयनित किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 88599 रुपये स्प्रिंकलर लगाने के लिए 22667 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।


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