शुद्ध पानी की चाह में बर्बाद हो रहा जल
कासगंज संवाद सहयोगी जल संरक्षण को लेकर तमाम जागरूकता एवं कवायद के बावजूद भी लोग संजीदा नहीं हैं।
कासगंज, संवाद सहयोगी : जल संरक्षण को लेकर तमाम जागरूकता एवं कवायद के बावजूद भी लोग संजीदा नहीं हैं। जिलेभर में घर-घर आरओ प्लांट लगे हैं। हजारों लीटर पानी प्रतिदिन नालियों में बह रहा है। वर्तमान में शुद्ध पानी की चाह में भविष्य बर्बाद हो रहा है। कल को सुरक्षित रखने के लिए जरूरत है बूंद-बूंद पानी को सहेजने की।
जिलेभर में जगह-जगह आरओ प्लांट लगे हैं। घरों में भी बड़ी संख्या में आरओ वाटर प्यूरीफायर लगे हैं। इनमें एक लीटर पानी शुद्ध करने के लिए लगभग तीन से चार लीटर पानी बर्बाद होता है। जिलेभर में लगे आरओ प्लांट के संचालकों ने पानी के संरक्षण के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। प्रत्येक घर में प्रतिदिन औसतन 100 लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। गर्मियों में मांग बढ़ने पर पानी की बर्बादी और बढ़ जाती है। आंकड़ों की नजर में
- जिले में कुल आरओ प्लांट : 21
- शहर में आरओ प्लांट : 13
- कस्बाई इलाकों में आरओ प्लांट : 9
- घरों में लगे आरओ वाटर प्यूरीफायर की संख्या 3500
- आरओ प्लांट से औसतन पानी की आपूर्ति
- लगभग दो हजार लीटर प्रति प्लांट गर्मी के दिनों में
- घरों में लगे आरओ वाटर प्यूरीफायर से अनुमानित पानी का व्यय 35 लीटर प्रतिघर कभी नहीं चला कोई अभियान
जिलेभर में लगभग 21 आरओ प्लांट हैं। कहीं भी पानी के संरक्षण के लिए प्रबंध नहीं हैं। प्रशासन की ओर से किसी भी आरओ प्लांट संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जागरण सुझाव : ऐसे करें जल संरक्षण
- आरओ प्लांट संचालक जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाएं
- वहीं, घरेलू उपभोक्ता प्यूरीफायर सिस्टम से बर्बाद होने वाले पानी को एकत्रित करें। उसका प्रयोग घर के अन्य कार्यो में करें। पानी की बर्बादी रोकने के लिए आरओ प्लांट संचालकों को नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्हें वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने को कहा जाएगा। जो संचालक सिस्टम नहीं लगाएंगे, उनके प्लांट बंद कराए जाएंगे।
- ललित कुमार, एसडीएम