हाथों में रह गए वोटर कार्ड, न मिला मतदान का अधिकार
लाठी के सहारे बूथ पर पहुंचे बुजुर्ग परेशान सूची से नाम थे गायब मतदाता हुए मायूस
संजय धूपड़/जागरण संवाददाता, कासगंज: मतदान को लेकर कई दिनों से शोर था। गली-गली पहले मतदान.. की अलख गूंज रही थी, मगर इस शोर पर भारी पड़ी बीएलओ की लापरवाही। कई मतदाताओं के नाम सूची में ही नहीं मिले। कोई प्रशासन से प्रेरित होकर बूथ पर पहुंचा था तो कई खुद वोट डालने की तमन्ना के साथ, मगर मायूसी के साथ इन्हें वापस लौटना पड़ा।
बुजुर्गों में भी मतदान को लेकर काफी उत्साह था। बुजुर्ग रामचंद्र और कोकला देवी वोट डालने के लिए आजाद गांधी इंटर कॉलेज पर पहुंचे। हाथ में मतदाता परिचय पत्र था तो पहचान पत्र भी। वोट के उत्साह में लाठी के सहारे यह कदमों को बढ़ाते चले गए, मगर इस उत्साह पर तब पानी फिर गया, जब बूथ पर जाने पर पता चला कि इनका नाम ही सूची में नहीं। कदम जैसे जवाब दे गए। दोनों वहीं जमीन पर बैठ गए। बीएलओ को कोस रहे थे। यह स्थिति सिर्फ इसी मतदान केंद्र पर नहीं रही, बल्कि अन्य मतदाताओं के साथ हुई। वहीं मुन्ने खा एवं चाहत भी पहचान पत्र हाथ में पकड़े थे, लेकिन वोट नहीं डाल पाए। वहीं ऊषा देवी को भी कड़ी धूप में लंबे इंतजार के बाद बूथ से वापस लौटना पड़ा। शहर के जीजीआइसी, सुमंत कुमार इंटर कॉलेज एवं नवाब तरौरा से भी मतदाताओं को वापस लौटना पड़ा।
दर्जनों लोगों के वोट काटे, हंगामा :
पटियाली : क्षेत्र में बीएलओ की लापरवाही सामने आई। नगर पंचायत के वार्ड नंबर दो में 50 से 70 लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं थे। जब मतदाता बूथ पर पहुंचे तो उन्हें इसकी जानकारी हुई। एक ही वर्ग के लोगों के वोट न होने से गुस्साए लोगों ने बीएलओ पर जानबूझकर वोट काटने का आरोप लगाया।