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बेमौसम बारिश से बढ़ी किसान की दुश्वारी, फसलों को हुआ नुकसान

कासगंज संवाद सहयोगी बेमौसम बारिश ने गर्मी से राहत दिलाई है ठंड का एहसास हुआ है लेकिन किसान की दुश्वारियां बढ़ गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 05:26 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 05:26 AM (IST)
बेमौसम बारिश से बढ़ी किसान की दुश्वारी, फसलों को हुआ नुकसान
बेमौसम बारिश से बढ़ी किसान की दुश्वारी, फसलों को हुआ नुकसान

कासगंज, संवाद सहयोगी : बेमौसम बारिश ने गर्मी से राहत दिलाई है, ठंड का एहसास हुआ है, लेकिन किसान की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। धान और बाजरा की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। बाजरा की फसल की पैदावार गिर सकती है। शहर में बारिश से निचली बस्तियों में जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।

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रविवार को मौसम का मिजाज बदला तो बूंदाबांदी के साथ हल्की बारिश हुई। सोमवार को तो मौसम की बेरुखी सामने आई। रात लगभग दो बजे के बाद बारिश शुरू हुई तो फिर दिनभर कभी तेज तो कभी धीमी गति से होती रही। बेमौसम बारिश ने किसानों को चिता में डाल दिया है। खेतों में तैयार बाजरा और धान की फसल को बड़ा नुकसान हो रहा है। खेतों में कटी पड़ी धान की फसल पानी में डूब गई। किसान फसल के नुकसान को देख परेशान हो गया है। फसल को काटकर थ्रेसिग कर घर ले जाने का वक्त था, लेकिन बारिश ने यह प्रकिया रोक दी है। इस बारिश से बाजरा और धान की पैदावार कम होने की संभावना है। बारिश ने गर्मी से निजात दिलाई है। ठंड का अहसास हुआ है। वहीं, शहर की कई निचली बस्तियों में जल भराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। धान और बाजरा पक कर तैयार है। कटाई का वक्त और थ्रेसिग का समय था। किसान यह नहीं कर पाया। बेमौसम बारिश से धान बाजरा की फसल को नुकसान होगा। यदि बारिश एक दो दिन और हुई तो किसान बर्बाद होगा। इस बरसात से फसल में कीट नहीं लगेगा।

- राजकुमार सिंह, कृषि विशेषज्ञ 20 बीघा सरसों जो दो दिन पूर्व बोई थी, उसमें पानी भर गया है। उम्मीद नहीं कि अब सरसों जमेगी। जुताई, बीज व खाद का पैसा तो बर्बाद हो गया है। भविष्य में अब कब बोवाई हो कुछ कहा नहीं जा सकता। पका हुआ बाजरा भी बिछ गया है।

- श्यामवीर, किसान निवासी नगला टपुआ 50 बीघा धान की फसल खेत में काट कर डाल रखी थी। थ्रेसिग करनी थी, लेकिन बेमौसम बारिश से खेत में पानी भर गया। फसल डूब गई है। अब इसमें किल्ले लग सकते हैं। बड़ा नुकसान है। पांच बीघा सरसों का बीज भी लगाया था। अब उम्मीद नहीं कि सरसों हो पाएगी।

- सचिन, किसान निवासी हुंडा शेखपुर


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