हरिपदी में घुटा हजारों मछलियों का दम, पालिका बेसुध
सोरों संवाद सूत्र तीर्थ नगरी की हरिपदी गंगा के प्रदूषित जल में मछलियों का दम घुट रहा है।
सोरों, संवाद सूत्र : तीर्थ नगरी की हरिपदी गंगा के प्रदूषित जल में मछलियों का दम घुट रहा है। अब तक बड़ी संख्या में मछलियां दम तोड़ चुकी हैं। तीन दिन से मछलियों के मरने का क्रम जारी है, लेकिन पालिका इस ओर ध्यान नहीं दे रही। प्रदूषित जल से आहत होती आस्था को लेकर पुरोहितों में आक्रोश है।
हरिपदी कुंड में जल काफी कम हो गया है। साथ ही इसमें प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ चुकी है। इसमें आक्सीजन लेवल असंतुलित हो गया है। इसके चलते यहां मछलियां लगातार मर रही हैं। तीन दिन से मछलियों के मरने का क्रम जारी है। पालिका के अधिकारी बेसुध हैं। जल बदलने के लिए पालिका ने अभी तक कोशिश नहीं की है। पुरोहितों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यहां प्रतिदिन गंगा स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की आस्था आहत हो रही है। तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही यदि जल नहीं बदला गया तो फिर आंदोलन किया जाएगा। पालिका की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। हरिपदी गंगा में प्रतिदिन मछलियां मर रही हैं। अब तक हजारों मछलियां मर चुकी है। यह जल आचमन योग्य नहीं रह गया है। हरिपदी गंगा का जल जल्द से जल्द बदलवाया जाए। अन्यथा मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
- कैलाश चंद्र कटारे, अध्यक्ष गंगा सभा कई दिन से मछलियां मर रही हैं। नगर पालिका के संज्ञान में यह समस्या है तब भी नगर पालिका की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। पालिका की यह मनमानी ठीक नहीं हैं। आस्था से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
- गोविद उपाध्याय, तीर्थ पुरोहित हमने कई बार जल बदलवाने के लिए पालिका के अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन पालिका के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। पुरोहितों के धैर्य की पालिका परीक्षा न लें और आस्था को आहत न होने दें।
- अमित महेरे, तीर्थ पुरोहित हरिपदी गंगा का जल बदलवाने की ही समस्या नहीं हैं, बल्कि तीर्थ नगरी में और भी समस्याएं हैं। इन्हें पालिका के अधिकारियों को दूर करना है। अधिकारी ध्यान दें। प्राथमिकता के आधार पर गंगा का जल बदलवाया जाए।
- मुकेश निर्भय, तीर्थ पुरोहित हरिपदी गंगा में जल बदलवाने के लिए सिचाई विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। गंगा में जल्द ही पानी बदला जाएगा। कभी-कभी कुछ मछलियां पानी में उतराती दिखती हैं। उन्हें पानी से निकलवा दिया जाता है।
- संतराम सरोज, अधिशासी अधिकारी