लक्ष्य में पिछड़ा, फिर भी प्रदेश में नंबर वन
मक्का खरीद में जिला इस बार काफी पीछे रहा। लक्ष्य के सापेक्ष में नहीं के बराबर खरीद हुई है। इसके बावजूद भी मक्का खरीद में प्रदेश में जिला नंबर वन बन गया है।

संवाद सहयोगी, कासगंज : मक्का खरीद में जिला इस बार काफी पीछे रहा है। लक्ष्य के सापेक्ष में नहीं के बराबर खरीद हुई है। इसके बावजूद भी मक्का खरीद में प्रदेश में जिला नंबर वन बन गया है। वहीं, धान खरीद को लेकर लक्ष्य प्राप्ति को विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। बीच में आनलाइन टोकन समस्या बाधा बन गई थी, लेकिन अब टोकन सिस्टम समाप्त होने के बाद खरीद की गति बढ़ी है। लक्ष्य पूरा होगा या नहीं यह तो समय बताएगा।
जिले में बीते वर्ष 15 अक्टूबर से 15 दिसंबर तक मक्का खरीद शुरू हुई थी। खाद्य विभाग को शासन ने 7,500 मीट्रिक टन का लक्ष्य आवंटित किया गया था। 15 दिसंबर तक चली इस खरीद में विभाग एड़ी से चोटी का जोर लगाने के बावजूद भी लक्ष्य तो दूर, खरीद भी न के बराबर कर सका। मात्र 90 मीट्रिक टन की ही खरीद हो सकी। विभागीय अधिकारियों की माने तो इतनी कम खरीद के बावजूद भी मक्का खरीद में जिला प्रदेश में नंबर वन रहा है। अब बात यदि धान खरीद की करें तो लक्ष्य प्राप्ति के लिए विभाग हर संभव कर रहा है। लक्ष्य के सापेक्ष 93 फीसद खरीद पूरी हो चुकी है। 31 जनवरी तक खरीद होगी तो लक्ष्य पूरा होता दिखाई दे रहा है। वैसे तो लक्ष्य से अधिक खरीद की संभावना थी, लेकिन बीते माह आनलाइन टोकन व्यवस्था लागू होने से समस्या खड़ी हो गई थी, लेकिन आठ जनवरी को शासन ने इसे देखते हुए आनलाइन व्यवस्था समाप्त कर दी तो खरीद बढ़ गई। धान खरीद में विभाग को लक्ष्य पूरा हो जाने की उम्मीद है। मक्का खरीद में मात्र 90 मीट्रिक टन की खरीद हुई। इसके बावजूद भी जिला प्रदेश में नंबर वन पर रहा है। धान खरीद का लक्ष्य सौ फीसद पूरा हो जाएगा। अब तक लक्ष्य के सापेक्ष 93 फीसद धान की खरीद हो चुकी है। मक्का खरीद में पिछड़ने का मुख्य कारण मंड़ी में मक्का की कीमतें अधिक होना रहा। सरकारी दर 18.50 रुपये प्रति क्विटल थी, जबकि मंड़ी में दो हजार प्रति क्विटल की दर से भी अधिक दरों पर मक्का बिकी।
विजय कुमार शुक्ला, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी।
Edited By Jagran