अस्थायी चौकी के भरोसे सहावर गेट, खोजते रहते हैं इंचार्ज
नहीं है कोई भवन स्थानीय स्तर पर बनाई गई थी चौकी मोबाइल से करते संपर्क पहले रेलवे भवन में थी संचालित नहीं है कोई भवन स्थानीय स्तर पर बनाई गई थी चौकी मोबाइल से करते संपर्क पहले रेलवे भवन में थी संचालित
कासगंज, जागरण संवाददाता। शहर का सहावर गेट इलाका। कई मुहल्ले इस क्षेत्र में आते हैं तो क्षेत्र भी बढ़ा है। चौकी की जरूरत को देखते हुए स्थानीय स्तर पर यहां अस्थायी चौकी बनाई गई, लेकिन दिक्कत यह है कि अस्थायी होने के कारण इसे भवन नहीं मिल सका है। चौकी इंचार्ज के बैठने का भी कोई नियत स्थान नहीं है। ऐसे में फरियादियों को जरूरत होने पर भटकना पड़ता है।
शहर में चार मुख्य बाजारों की अलग-अलग पुलिस चौकियां हैं। तीन चौकियां भवनों में संचालित है। जबकि सहावर गेट चौकी बिना भवन के चल रही है। चौकी प्रभारी भी यहां पर तैनात हैं, लेकिन बैठने के लिए स्थान नहीं। एक दशक पहले तक चौकी रेलवे के भवन में संचालित होती थी, जो रेलवे की संपत्ति है, लेकिन अब यह भवन भी जीर्णशीर्ण हाल में पहुंच गया है। ऐसे में क्षेत्र के फरियादियों को किसी कार्य के लिए चौकी इंचार्ज की आवश्यकता होती है तो उन्हें खोजना पड़ता है। मोबाइल पर यदि बातचीत हो गई तो चौकी इंचार्ज से संपर्क हो जाता है। चौकी न होने के कारण तैनात इंचार्ज के साथ पुलिसकर्मी भी परेशान रहते हैं। चौकी इंचार्ज सुरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि भवन न होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। इधर उधर दुकानों पर बैठकर फरियादियों को सुनना पड़ता है। पुलिस अधीक्षक सुशील घुले ने बताया कि शासन द्वारा स्वीकृत चौकी का भवन होता है, यह अस्थायी चौकी है, जिसे जिला स्तर पर सृजित किया गया था, ताकि क्षेत्र में पुलिस की नजर रहे। जनता की सहूलियत के लिए यह व्यवस्था की गई है।