बिना भवन के संचालित हो रही सहावर गेट पुलिस चौकी
चौकी इंचार्ज जहां-तहां बैठकर काम निपटाते हैं। पीड़ितों को भी परेशानी उठानी पड़ती है।
कासगंज, संवाद सहयोगी। शहर की सहावर गेट पुलिस चौकी बिना भवन के ही संचालित हो रही है। चौकी इंचार्ज जहां-तहां बैठकर विभागीय कार्य निपटाते हैं। पीड़ित उन्हें खोजने के लिए भटकते रहते हैं। मोबाइल पर बात हो गई तो थी, अन्यथा पीड़ित परेशान रहते हैं।
शहर के चारों मुख्य बाजारों पर पुलिस चौकियां बनी हैं। इनमें सोरों गेट, बिलराम गेट और नदरई गेट पुलिस चौकी व्यवस्थित रूप से भवनों में संचालित है। सहावर गेट पुलिस चौकी का कोई भवन नहीं है। कागजों में चौकी इंचार्ज और पुलिसकर्मियों की नियुक्ति है। तैनात पुलिसकर्मी और इंचार्ज जहां-तहां बैठकर कामकाज निपटाते हैं। जब भी पीड़ितों को चौकी इंचार्ज की आवश्यकता महसूस होती है तो वह उन्हें खोजते-खोजते थक जाते हैं। मोबाइल नंबर का भी कोई प्रचार-प्रसार नहीं है। कहीं से मोबाइल नंबर मिल गया और इंचार्ज से संपर्क हो गया, तब ही पीड़ित अपनी समस्या रख पाता है। चौकी इंचार्ज को ढूंढने में उसे कड़ी मशक्कत करने पड़ती है और जरूरत के समय चौकी इंचार्ज नहीं मिल पाते। लोग चाहते हैं कि चौकी का स्थाई भवन हो, जिससे प्रभारी निश्चित स्थान और समय पर पीड़ित से मिल सकें। पुलिस चौकी का भवन होना चाहिए। चौक इंचार्ज वहां बैठकर लोगों की समस्या सुन सकें। भवन के न होने से पीड़ितों को परेशानी होती है।
दीपक गुप्ता, जिलाध्यक्ष अखिल भारतीय व्यापार मंडल पीड़ितों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों को भी भवन न होने से समस्या रहती है। उच्च अधिकारियों समस्या संज्ञान में लेकर समाधान करना चाहिए।
कबीर प्रताप सिंह, समाजसेवी सहावर गेट पुलिस चौकी के लिए स्थान की तलाश की जा रही है। उचित स्थान मिलने पर चौकी भवन निर्माण कराया जाएगा।
मनोज कुमार सोनकर, एसपी