नहीं रुकते खिड़कियों के शीशे, ठिठुरते हैं यात्री, अधिकारी मस्त
कासगंज संवाद सहयोगी ठंड के मौसम में निगम की बसों में यात्रा सुखद नहीं है।
कासगंज, संवाद सहयोगी : ठंड के मौसम में निगम की बसों में यात्रा सुखद नहीं है। तमाम बसों मे खिड़की में शीशे होने के बाबजूद उनके लॉक सिस्टम खराब हैं या टूटे हुए है। जिससे खिड़किया बंद नहीं होती और सर्दी मे यात्रा दुखद पूर्ण रहती है। जबकि निगम ,सुखद, सुरक्षित यात्रा का दावा करता है।
वैसे तो निगम की बसें बीते समय से कुछ बेहतर हुई हैं। कासगंज डिपो के बेड़े में बीते कई वर्षाें से कोई नई बस शामिल नहीं हुई है। पुरानी बसों को व्यवस्थित कर चलाया जा रहा है। बसों में शीशे तो हैं, लेकिन लाक सिस्टम सही न होने से यह रुकते नहीं है। जब गाड़ी रफ्तार भरती है तो यह शीशे खिसक जाते हैं और यात्री को ठिठुरती ठंड में ही यात्रा करनी पड़ती है। भले ही बार-बार वह इन शीशों को बंद कर ले, लेकिन ठंड सताती ही रहती है। बसों में अब फोग लाइट का सिस्टम तो खत्म ही हो चुका है। इसके लिए एक विशेष बल्व आता है जिसे लाइट के स्थान पर लगाया जाता है जो कोहरे में भी काम करता है। अब बसें इस बल्व पर दौड़ रही हैं। फिटनेस की बात करें तो कासगंज की डिपो की बसों की फिटनेस अपडेट है। जिन बसों की फिटनेस खत्म हो जाती है उन्हें फिटनेस न होने तक रोड पर नहीं चलाया जाता। डिपो की सभी बसों की फिटनेस अपडेट है। निगम बिना फिटनेस की बसों को रोड पर नहीं चलाता है। जिनकी फिटनेस समाप्त हो जाती है उनको फिटनेस होने के बाद ही रोड पर चलाया जाता है।
- राजेश राजपूत, एआटीओ यात्रियों को सुखद यात्रा कराना निगम का ध्येय है। सभी बसों में शीशे हैं। लाकिग सिस्टम अब होता ही नहीं है। तेज बस चलते समय शीशे हट जाते हैं तो उन्हें यात्रियों को दोबारा लगाना पड़ता है। अब शीशों को रबड़ लगाकर नहीं रोका जाता। फोग के लाइट के स्थान आधुनिक बल्व लगाए गए हैं।
- संजीव कुमार, एआरएम