नागरिकों से सहयोग से राठ में जगाई शिक्षा की अलख
स्वामी ब्रह्मानंद की पुण्यतिथि पर वक्ताओें ने किया उनका स्मरण
जागरण संवाददाता, कासगंज: स्वामी ब्रह्मानंद ने शिक्षा के क्षेत्र में अलौकिक काम किए। नागरिकों के सहयोग से राठ में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किए और कभी पैसे को हाथ नहीं लगाया।
यह विचार वक्ताओं ने व्यक्त किए। गुरुवार को शहर के बिलराम गेट दीन दयाल कॉलोनी स्थित प्रधानाचार्य कल्याण ¨सह के आवास पर स्वामी ब्रह्मानंद की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। प्रधानाचार्य ऐदल ¨सह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय लोधी महासभा के जिलाध्यक्ष मुनेश राजपूत ने कहा कि स्वामी का चरित्र संपूर्ण देश के लिए आदर्श और अनुकरणीय है।
नरेन्द्र कुमार वर्मा ने कहा कि एक बार स्वामी जी अपने साथ संतों को लेकर संसद में विरोध प्रदर्शन को दाखिल हुए तो वहां सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया और कहा कि यहां संतों का प्रवेश वर्जित है, यहां केवल जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि ही आ सकते हैं। उसी क्षण स्वामी जी ने संकल्प लिया कि अब मैं सांसद बन कर ही आऊंगा। वे प्रण को पूरा कर 1966 में सांसद बनकर गेरुआ वेश में संसद में गए, ऐसे दृढ़ निश्चयी स्वामी का जीवन चरित्र हमारे जीवन को रास्ता दिखाता है।
इस मौके पर अनार ¨सह, संजय राजपूत, आशुतोष लोधी, विकास लोधी, अरुण कुमार , नरेन्द्र राजपूत, राजेन्द्र ¨सह , ओमकार आदि ने भी विचार रखे।