डीजल की मूल्य वृद्धि से कृषि की लागात बढ़ी
कासगंज संवाद सहयोगी खाद्य पदार्थो के साथ ही डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतें सभी को प्रभावित कर रही हैं।
कासगंज, संवाद सहयोगी: खाद्य पदार्थो के साथ ही डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतें सभी को प्रभावित कर रही हैं। इससे ट्रांसपोर्ट, उद्योग, व्यापार एवं कृषि क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। डीजल की कीमतों में वृद्धि से कृषि की लागत बढ़ गई है। खाद्य पदार्थो एवं कुकिग गैस की बढ़ी कीमतों ने रसोई का बजट पहले से ही बिगाड़ रखा है।
फरवरी में डीजल और पेट्रोल की कीमत लगभग चार से पांच रुपये प्रति लीटर बढ़ गईं हैं। डीजल की कीमत बढ़ने से किसान परेशान हैं। कृषि की लागत भी बढ़ गई है। भले ही ट्रासपोर्टर ने भाड़ा नहीं बढ़ाया, लेकिन उनका व्यय बढ़ गया है। दो दिन पूर्व हुई मिनी ट्रक आनर्स एसोसिएशन की बैठक में भाड़ा बढ़ाने पर चर्चा की गई और सहमति भी बनी। यदि बैठक में लिए निर्णय को लागू किया गया तो उद्योग जगत और व्यापारी प्रभावित होगे। वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी। खाद्य पदार्थ और रसोई गैस पहले से ही महंगे हैं। डीजल पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से आम जन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। अभी भाड़े नहीं बढ़े हैं। बैठक में निर्णय लिया गया है। जल्द भाड़ा बढ़ाया जाएगा।
- राजकुमार राघव, अध्यक्ष मिनी ट्रक आनर्स एसोसिएशन डीजल की कीमत बढ़ने से खर्चे बढ़ गए हैं। व्यापार प्रभावित हो रहा है। भाड़ा बढ़े तब कारोबार को राहत मिले। अभी कारोबार में कोई लाभ नहीं हो रहा है।
- कमल सिंह यादव, ट्रांसपोर्टर सिचाई के लिए नहरों से पानी नहीं मिल रहा। निजी पंप से पानी लगाना पड़ रहा है। डीजल महंगा होने से सिचाई की लागत बढ़ गई है। किसानों को डीजल पर सब्सिडी मिलनी चाहिए।
- विजय प्रकाश, किसान खाद, बीज, कीट नाशक सभी पर महंगाई है। सिचाई के लिए किसान को सब्सिडी पर डीजल मिलना चाहिए। निजी पंपों से सिचाई बहुत महंगी पड़ रही है।
- सत्य प्रकाश पांडे, किसान