त्योहार पर बाजार रहे गुलजार, अब सहालगों से उम्मीद
कोरोना संक्रमण के आठ माह बाद बाजार त्योहार पर गुलजार रहे। क
कासगंज, जागरण संवाददाता: कोरोना संक्रमण के आठ माह बाद बाजार त्योहार पर गुलजार रहे। कारोबार में चमक आई। अब सहालगों का सीजन आ रहा है तो व्यापारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है। उन्होंने नया स्टाक लगाया है।
कोरोना संक्रमण के चलते लगभग आठ माह तक बाजार बे-रौनक हो गए थे। ग्राहकी न होने से दुकानदार मायूस थे, लेकिन दीपावली पर हुए अच्छे कारोबार ने उनकी मायूसी दूर की। अब देवोत्थान पर्व से सहालगों का दौर शुरु हो जाएगा। त्योहार की रौनक अभी खत्म नहीं हुई है। बाजार गुलजार बने हुए हैं। विवाह आयोजन के लिए लोग खरीदारी कर रहे हैं। साड़ी, रेडीमेड वस्त्र, सर्राफ, बर्तन विक्रेताओं के यहां खरीदार पहुंच रहे हैं। व्यापारियों को उम्मीद है कि सहालगों पर बाजार अच्छा चलेगा। इसी उम्मीद से उन्होंने नया स्टाक दुकानों पर लगाया है। अपेक्षित हो रही ग्राहकी से व्यापारियों का हौसला बढ़ रहा है।
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वैसे तो सहालग मात्र 15 दिन के लिए हैं। 9, 11 दिसंबर की तारीख में अच्छे सहालग हैं। इस समय बाजार में ग्राहकी अच्छी है। - पदम माहेश्वरी, सराफा कारोबारी
त्योहार पर मृत पड़े व्यापार में चमक आ गई थी और अब सहालगों में यह चमक बरकरार रहने की उम्मीद है।
- कुलदीप यादव, रेडीमेड वस्त्र विक्रेता
इस बीच पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व सोमवार को भैया-दूज के साथ संपन्न हुआ। मंगलवार को त्योहार कर परदेशी वापस लौटने लगे। रोडवेज बस स्टैंड पर सुबह से ही यात्रियों की भीड़ रही। लोगों को बसों का इंतजार करना पड़ा। गंतव्य तक जाने के लिए डग्गेमार वाहनों का भी सहारा लिया।
मंगलवार की सुबह से ही परदेशी लौटने लगे तो शहर के रोडवेज बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ थी, लेकिन बसों का अभाव था तो यात्री परेशान दिखाई दिए। बरेली, आगरा, फर्रुखाबाद मार्ग जाने वाले यात्रियों को बसों का घंटों इंतजार करना पड़ा। चालक-परिचालकों ने क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाकर यात्रा कराई। फर्रुखाबाद के लिए कासगंज से कोई बस न होने के कारण यात्री डग्गेमार वाहनों के सहारे रहे। इस मार्ग पर रेलों का संचालन न होना यात्रियों को खला। रोडवेज बस स्टैंड पर फर्रुखाबाद जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे राजेंद्र का कहना था कि कासगंज से फर्रुखाबाद जाने के लिए ट्रेन एक सुगम और सस्ता माध्यम था, लेकिन इस बार त्योहार पर कोरोना के कारण ट्रेन नहीं चली हैं, इसलिए दिक्कतों का सामना करना पड़ा।