गंजडुंडवारा के श्रम कार्यालय में वर्षों से पड़े हैं ताले
गंजडुंडवारा संवाद सूत्र गंजडुंडवारा जिले की औद्योगिक कस्बा है।
गंजडुंडवारा, संवाद सूत्र : गंजडुंडवारा जिले की औद्योगिक कस्बा है। यहां सैकड़ों पावर लूम लगी हैं। इनमें सैकड़ों मजदूर कार्यरत हैं, लेकिन यहां के मजदूरों को सरकार की श्रम विभाग द्वारा चलाए जाने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। श्रम कार्यालय में ताला पड़ा रहता है। मजदूर योजना के लाभ के लिए भटकते रहते हैं। उनके पंजीकरण नहीं हो पाते।
जिले में यदि श्रम विभाग की योजनाओं का मजूदरों को मिलने वाले लाभ पर यदि ²ष्टिपात किया जाए तो स्थिति बेहतर नजर नहीं आएगी। समीक्षा बैठकों में डीएम सीपी सिंह एवं मंडलायुक्त गौरव दयाल भी बेहतर क्रियान्वन न होने पर नाराजी जता चुके हैं। विभाग के हालात यह हैं कि जिला मुख्यालय खाली पड़ा उपायुक्त श्रम का पद लगभग डेढ़ वर्ष बाद भरा। सक्षम अधिकारी न होने से योजनाओं को पलीता लगता रहा। गंजडुंडवारा में विभाग का कार्यालय वर्षों से नहीं खुला है। कार्यालय पर ताले लटके हैं। एक श्रम अधिकारी की नियुक्ति भी है, लेकिन वह कब और कहां से कामकाज करते हैं इसकी जानकारी मजदूरों को नहीं। जानकारी के अभाव और कार्यालय बंद रहने से यहां के मजदूर श्रम विभाग पंजीकरण भी नहीं करा पाते हैं और योजना से वंचित रह जाते हैं।
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यहां कार्यालय कभी खुलता नहीं है। यहां के लेवर इंस्पेक्टर को भी नहीं देखा है। योजना का कोई लाभ नहीं मिल पाता। - करन सिंह, मजदूर
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गंजडुंडवारा में सैकड़ों मजदूर हैं। कुछ को छोड़कर मजूदरों के पंजीकरण भी नहीं हुए हैं। योजना की जानकारी भी नहीं पाती। - मुकेश कुमार, मजदूर
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स्टाफ की कमी है। इसलिए कार्यालय बंद है। शिविर लगाकर मजदूरों को योजना का लाभ देते हैं। - चंद्रभान, लेवर इंस्पेक्टर गंजडुंडवारा
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गंजडुंवारा में श्रम विभाग कार्यालय न खुलने की शिकायत है, लेकिन इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। अभी पोस्टिग हुई है जानकारी करेंगे। गंजडुंडवारा में चंद्रभान लेवर इंस्पेक्टर की तैनाती है। योजनाओं की जानकारी के लिए शिविर लगाए जाते हैं। - हेमा टमटा, श्रम उपायुक्त