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तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने पर बोले किसान सत्य की हुई जीत

कासगंज संवाद सहयोगी देश के नाम संबोधन में शुक्रवार को सुबह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 05:11 AM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 05:11 AM (IST)
तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने पर बोले किसान सत्य की हुई जीत
तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने पर बोले किसान सत्य की हुई जीत

कासगंज, संवाद सहयोगी : देश के नाम संबोधन में शुक्रवार को सुबह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की। साथ ही इसके लिए संवैधानिक प्रक्रिया इसी माह के अंत तक पूरा करने को कहा है। कृषि कानून वापस लेने की घोषणा पर किसान संगठनों के नेताओं ने हर्ष व्यक्त किया है और इसे सत्य एवं किसानों की जीत बताया है। किसानों की मांग जायज थी इसलिए किसान आंदोलन पर डटे रहे। आखिर सरकार को सत्य का साथ देना पड़ा है। तीनों कृषि कानून वापस लेने की प्रधानमंत्री ने घोषणा की है। यह किसानों एवं जनतंत्र की जीत है।

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- कुलदीप पांडेय, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाकियू स्वराज सैकड़ों किसानों की शहादत के सरकार का अहम टूटा है। किसानों की जीत हुई है। जिन किसानों ने आंदोलन में अपनी जान गवाई है। अब उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि मिली है। किसान नेताओं का संघर्ष रंग लाया है।

- श्यामवीर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव भाकियू स्वराज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर यह साबित कर दिया है कि किसानों की मांग जायज थी। किसानों की शहादत व्यर्थ नहीं गई। संघर्ष का ही परिणाम सामने आया है।

- आशीष, प्रदेश अध्यक्ष, भाकियू स्वराज संघर्ष कभी खाली नहीं जाता यह आज साबित हो गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस किए जाने की घोषणा की है। अभी सरकार को किसानों के हित में किसान आयोग का गठन करना चाहिए।

- संजय प्रजापति, जिलाध्यक्ष भाकियू टिकैत किसानों की आंदोलन को अराजक तत्वों का आंदोलन बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वयं स्वीकार लिया है कि किसान अपनी सही मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। प्रधानमंत्री की घोषणा से किसानों को मनोबल बढ़ा है।

- मुशीर खान, जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ भाकियू टिकैत किसानों ने राकेश टिकैत के नेतृत्व में त्याग और बलिदान दिया। उसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। केंद्र सरकार के मुखिया ने किसानों की बात मानी है। यह किसानों की एकजुटता का परिणाम है।

- धर्मपाल सिंह, तहसील अध्यक्ष भाकियू टिकैत जरूरत कृषि कानून को वापस लेने की नहीं थी बल्कि कानूनों में संशोधन की जरूरत थी। कानून वापस लेने से किसानों का भला होने वाला नहीं है। सरकार कृषि आयोग और एमएसपी की मांग पूरी करे।

- सुधीर मिश्रा, किसान नेता देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वामी नाथन की रिपोर्ट लागू करनी चाहिए और एमएसपी की गारंटी पर कानून बनाना चाहिए। इसी से किसान का वास्तविक भला होगा। प्रधानमंत्री का फैसला कृषि आयोग के गठन के लिए होना चाहिए था।

- बीरेंद्र भारद्वाज, किसान नेता


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